सांसद मिलिंद देवड़ा, संजय राउत (pic credit; social media)
Maharashtra Politics: दक्षिण मुंबई में राजनीतिक आंदोलन और विरोध प्रदर्शनों पर पाबंदी लगाने की मांग को लेकर सियासत गरमा गई है। राज्यसभा सांसद मिलिंद देवड़ा ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखकर इस क्षेत्र में आंदोलन की अनुमति न दिए जाने की अपील की। देवड़ा ने तर्क दिया कि हाल ही में हुए मराठा आरक्षण आंदोलन के कारण पांच दिनों तक दक्षिण मुंबई का जनजीवन ठप हो गया था। इसका असर आम लोगों के साथ-साथ आर्थिक जगत पर भी पड़ा।
देवड़ा ने कहा कि दक्षिण मुंबई में महाराष्ट्र सरकार का सचिवालय, विधानसभा, मंत्रालय, बीएमसी मुख्यालय, मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र पुलिस का मुख्यालय, नौसेना की पश्चिमी कमान सहित कई निजी कंपनियों के दफ्तर स्थित हैं। आंदोलन के कारण यहां के कामकाज पर सीधा असर पड़ता है और कानून-व्यवस्था पर संकट खड़ा हो जाता है। इसलिए इस इलाके में बड़े राजनीतिक प्रदर्शनों पर रोक लगाई जानी चाहिए।
देवड़ा के इस पत्र ने शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राऊत को भड़का दिया। राऊत ने पलटवार करते हुए कहा कि यह पत्र शिंदे गुट का असली चेहरा उजागर करता है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सब केंद्रीय मंत्री अमित शाह के इशारे पर हो रहा है। राऊत ने कहा कि मराठा समाज के लोग जब मुंबई में अपनी आवाज उठाने आए थे तो अब यह सवाल उठाना कि उन्हें अनुमति क्यों दी गई, मराठी समाज के साथ भेदभाव है। उन्होंने कहा कि दक्षिण मुंबई किसी एक वर्ग की जागीर नहीं है। जरूरत पड़ने पर मराठी समाज के लोग यहां आंदोलन करेंगे और उन्हें कोई रोक नहीं पाएगा।
इस विवाद में राकांपा (शरद पवार गुट) के विधायक रोहित पवार भी कूद पड़े। उन्होंने सवाल उठाया कि जब मराठा आंदोलन शुरू हुआ, तो क्या गृह विभाग सो रहा था? क्या उन्हें पता नहीं था कि इतने बड़े पैमाने पर लोग मुंबई आने वाले हैं? पवार ने आरोप लगाया कि गृह विभाग के पास पूरी जानकारी होते हुए भी उसे बीएमसी से छिपाया गया। उनका कहना था कि यह सब राजनीतिक चाल है, ताकि देवड़ा के पत्र के जरिए गृह विभाग को घेरा जा सके।
इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भी शिंदे गुट पर तंज कस चुके हैं। उन्होंने कहा था कि अगर मराठा समाज के लोग मुंबई में आंदोलन नहीं करेंगे तो क्या इसके लिए सूरत या गुवाहाटी जाएंगे? कुल मिलाकर, दक्षिण मुंबई में आंदोलन पर पाबंदी की मांग ने महाराष्ट्र की राजनीति में नया बवंडर खड़ा कर दिया है। देवड़ा की मांग को लेकर अब शिवसेना (यूबीटी), एनसीपी और उद्धव ठाकरे तक सभी ने शिंदे गुट को घेर लिया है।