बीएमसी 1000 करोड़ घोटाले का आरोप (pic credit; social media)
BMC Corruption Charge: मुंबई महानगरपालिका एक बार फिर भ्रष्टाचार के आरोपों में घिर गई है। शुक्रवार को मुंबई कांग्रेस की अध्यक्ष एवं सांसद वर्षा गायकवाड़ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीएमसी को भ्रष्टाचार का अड्डा करार दिया और सीधे तौर पर महायुति सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि सत्ताधारी नेताओं, बीएमसी अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत से मुंबईकरों का पैसा लूटा जा रहा है।
वर्षा गायकवाड़ का आरोप है कि बीएमसी में ठेकेदारों की नियुक्ति पहले से तय कर दी जाती है और उसके बाद टेंडर निकाले जाते हैं। उन्होंने कहा कि अर्बन डेवलपमेंट डिपार्टमेंट अब ‘अर्बन डिजास्टर डिपार्टमेंट’ बन गया है। सत्ताधारी दल अपनी मनपसंद कंपनियों को ही टेंडर दिलाने की साजिश कर रहे हैं, जिससे आम मुंबईकरों की जेब पर भारी बोझ पड़ रहा है।
कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने भी बीएमसी के पाइपलाइन प्रोजेक्ट में 1000 करोड़ रुपये से अधिक के भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि गुंदवली टनल शाफ्ट से मौदक सागर तक 3000 मिमी व्यास की पाइपलाइन बिछाने के लिए टेंडर में गड़बड़ी की गई है। पहले 42 किलोमीटर की पाइपलाइन बदलने की लागत 2000 करोड़ रुपये आंकी गई थी, लेकिन काम को 50 किलोमीटर तक बढ़ाकर लागत को 3500 करोड़ रुपये तक पहुंचा दिया गया। यह सब कुछ केवल दो ठेकेदार कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में वर्षा गायकवाड़ और सचिन सावंत के साथ मुंबई कांग्रेस के प्रवक्ता सुरेश चंद राजहंस, शकील चौधरी, निजामुद्दीन राइन और अजंता यादव भी मौजूद थे। सावंत ने कहा कि पिछले दो महीनों से मुंबई कांग्रेस बीएमसी में हो रहे भ्रष्टाचार को उजागर कर रही है।
वर्षा गायकवाड़ ने कहा कि महायुति सरकार मस्त है, लेकिन मुंबईकर संकटग्रस्त हैं। उनका कहना है कि यदि यही हाल रहा तो आने वाले दिनों में मुंबईकरों को मूलभूत सुविधाओं के लिए भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।