
(कॉन्सेप्ट फोटो)
Most Corrupt Departments: देश के अलग-अलग सरकारी विभागों से आज भी भ्रष्टाचार की घटनाएं सामने आती रहती हैं। जहां संबंधित विभाग के अधिकारियों द्वारा किसी भी काम को करने के लिए घूस के रूप में मोटी रकम की मांग करते हैं। आम जनता किसी भी तरह अधिकारियों की मांग को पूरा भी करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत के 10 सबसे भ्रष्ट विभाग कौन से हैं? अगर नहीं तो आइए अब जान लेते हैं। देश के भ्रष्ट विभागों की सूची जनता की शिकायतों, मीडिया रिपोर्टों, ट्रांसफरेंसी इंटरनेशनल और लोकपाल/लोकायुक्त जैसी संस्थाओं की रिपोर्ट पर आधारित है।
(रिश्वत, फर्जी केस, FIR दर्ज न करना, सड़क पर चेकिंग लगाकर अवैध वसूली, पीड़ित से न्याय के बदले घूस के रूप में पैसे की मांग, जमीन विवाद में पक्षपात जैसे गंभीर आरोप)
तहसील एवं भूमि रिकॉर्ड में जमीन की फर्जी रजिस्ट्री, दाखिल-खारिज, जमीन की सत्यापित प्रति/ खतौनी निकालने एवं नामांतरण में रिश्वत का आरोप)
(भवन नक्शा पास कराना, सफाई व्यवस्था, अवैध निर्माण को नजरअंदाज करना, रिश्वत लेकर अवैध निर्माण को बढ़ावा देने का आरोप)
(प्रधानमंत्री आवास, शौचालय योजना, राशन कार्ड में गड़बड़ी, वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन सहित ग्रामसभा के अतिरिक्त कार्यों में भारी गड़बड़ी का आरोप)
(मीटर रीडिंग में हेराफेरी, फर्जी बिलिंग, कनेक्शन में देरी, कनेक्शन में फाल्ट हो जाने पर बिना रिश्वत लाइन न सही करने का आरोप)
ये है भारत के 10 सबसे भ्रष्ट माने जाने वाले विभागों की सूची। यह सूची जनता की शिकायतों, मीडिया रिपोर्टों, ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल, और लोकपाल/लोकायुक्त जैसी संस्थाओं की रिपोर्ट पर आधारित है। भारत के 10 सबसे भ्रष्ट विभाग
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01. पुलिस विभाग
(रिश्वत, फर्जी… — NCIB Headquarters (@NCIBHQ) July 20, 2025
(बिना टेस्ट के ड्राइविंग लाइसेंस निर्गत करना, वाहन पंजीकरण में रिश्वत, अनफिट वाहनों को फिटनेस सर्टिफिकेट प्रदान करने का आरोप)
(दवा आपूर्ति में भ्रष्टाचार, डॉक्टर की अनुपस्थिति, ऑपरेशन में निजी अस्पताल भेजना, अनावश्यक महंगी दवाईयों को लिखकर मेडिकल स्टोर से कमीशनखोरी का आरोप)
(शिक्षक भर्ती में घोटाला, स्कूल में शिक्षकों की फर्जी उपस्थिति, निजी स्कूलों से सांठगांठ का मुख्य आरोप)
(निर्माण ठेके, टेंडर प्रक्रिया में भ्रष्टाचार का आरोप)
(छापों से बचाव में लेन-देन, फर्जी रिटर्न, व्यापारियों से अवैध वसूली का आरोप)
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गौरतलब है कि भ्रष्टाचार का स्तर राज्य और जिले के अनुसार अलग-अलग होता है। भ्रष्टाचार केवल अधिकारी तक सीमित नहीं, कई बार बिचौलियों और स्थानीय नेताओं के भूमिका के कारण रिश्वत की रकम 2 से 5 गुना तक बढ़ जाती है। जिसमें एक हिस्सा संबंधित अधिकारी के पास और बाकी बिचौलिए के पास चला जाता है।






