मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और डॉन नीलेश घायवल (सौ. सोशल मीडिया )
Mumbai News In Hindi: पुणे के कुख्यात अपराधी नीलेश घायवल फर्जी पासपोर्ट की मदद से विदेश भाग गया है। उसकी गिरफ्तारी के लिए पुणे पुलिस ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी करके इंटरपोल से मदद मांगी है जिसके बाद इंटरपोल ने ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी कर दिया है, लेकिन इसी बीच घायवल बंधुओं की वजह से महाराष्ट्र की राजनीति में घमासान मच गया है।
नीलेश के विदेश फरार होने तथा उसके भाई सचिन भागवल को शत्र लाइसेंस दिलाने के मुद्दे पर विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाड़ी (मविआ) तथा सत्तारूढ़ महायुति के लोग एक दूसरे को कटघरे में खड़ा करने का प्रयास कर रहे हैं मविआ के रोहित पवार ने विधान परिषद में सभापती प्रा। राम शिंदे पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया था कि नीलेश को विदेश भागने में सत्ता पक्ष के किसी बड़े नेता की मदद मिली थी।
जिसके बाद बीजेपी के विधायक प्रवीण दरेकर ने नीलेश घायवल की रोहित के साथ तस्वीर वायरल की थी। इस पर पलटवार करते हुए रोहित ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के मंच पर नीलेश के सत्कार, और मुख्यमंत्री द्वारा नीलेश की सम्मान पूर्व सराहना करनेवाला वीडियो जारी किया। अब मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि मविआ के शासनकाल में नीलेश के नाम पासपोर्ट जारी किया गया था।
सीएम देवेंद्र ने कहा है कि नीलेश घायवाल ने अहिल्यानगर से पासपोर्ट बनवाने के लिए आवेदन किया था। उस समय -तत्कालीन राजनीतिक नेताओं के दबाव में पुलिस ने घायवल को पूरी तरह से क्लीन चिट दे दी थी। पापवाल के खिलाफ कोई अपराध न होने की रिपोर्ट पेश की गई थी। इसी वजह से नीलेश घायवल को पासपोर्ट मिल गया और वह भागने में सफरल हुआ। उस समय किसका दबाव था? उसने चुनाव में किसका काम किया? उसे किसका आशीर्वाद प्राप्त था?
प्रवीण दरेकर साहेब, मी दिलेली प्रतिक्रिया आपण व्यवस्थित ऐकली नसावी, तुमच्या माहितीसाठी मी व्हिडिओ पुन्हा पाठवत आहे. मुख्यमंत्री दिलेल्या लिस्टनुसारच नावे घेतात, हेच मी सांगितले आहे. राम शिंदे सरांनी दिलेल्या लिस्टनुसारच मूख्यमंत्र्यांनी सचिन घायवळचे नाव आदरपूर्वक घेतले,… pic.twitter.com/T7C6qCLrMo — Rohit Pawar (@RRPSpeaks) October 11, 2025
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हैरानी की बात यह है कि कांग्रेस से उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना में गए रवींद्र धंगेकर ने घायवल के मुद्दे पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता तथा कैबिनेट मंत्री चंद्रकांत पाटिल को कटघरे में खड़ा करने का प्रयास किया है। खासकर घायवल – गिरोह के आरोपियों की मदद का आरोप लगाया है। इस के बाद मुख्यमंत्री ने धंगेकर को सोच-समझकर बयान देने की नसीहत देते हुए याद दिलाया कि वे भी महायुति का ही हिस्सा हैं।