
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (सौ. सोशल मीडिया )
Mumbai News In Hindi: मुंबई में ‘इंडिया मैरीटाइम वीक 2025’ के उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि भारत और महाराष्ट्र के पास विभिन्न क्षेत्रों में असीमित अवसर हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत एक नई ‘समुद्री शक्ति’ के रूप में उभर रहा है।
वैश्विक निवेशकों से इस यात्रा में शामिल होने की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि समुद्री शक्ति में महाराष्ट्र का योगदान बहुत बड़ा है। मुंबई बंदरगाह और जेएनपीए देश के कंटेनर परिवहन में प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं। मुंबई के साथ-साथ महाराष्ट्र के बंदरगाहों की भूमिका भी इसमें हमेशा से महत्वपूर्ण रही है।
इसी कारण मुंबई को देश की आर्थिक राजधानी का दर्जा प्राप्त है। वाढवण बंदरगाह का निर्माण कार्य पूरा होने पर यह बंदरगाह दुनिया के महत्वपूर्ण और शीर्ष दस बंदरगाहों में से एक होगा। वाढवण के कारण, महाराष्ट्र के साथ-साथ भारत भविष्य में एक समुद्री शक्ति के रूप में उभरेगा। वैश्विक व्यापार और वैधिक आपूर्ति श्रृंखला में भारत का स्थान रेखांकित होगा।
इस बंदरगाह के निर्माण से समुद्री क्षेत्र के साथ-साथ महाराष्ट्र में उद्योग और व्यापार के क्षेत्र में भी अनेक अवसर पैदा होंगे। मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र ने हाल ही में महाराष्ट्र जहाज निर्माण नीति 2025 की घोषणा की है। इस नीति के तहत जहाज निर्माण के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र और निवेश के लिए अनुकूल माहौल तैयार किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समुद्री विजन और अमृत काल समुद्री विजन में, वाढवण बंदरगाह एक मील का पत्थर साबित होगा। राज्य सरकार दो क्षेत्रों ब्लॉकचेन में महाराष्ट्र की सामरिक शक्ति और समुद्री क्षमता का विस्तार करने पर भी काम कर रही है।
केंद्रीय बंदरगाह मंत्री सर्वांनंद सोनोवाल ने कहा कि शांतिप्रिय देशों में निवेश बढ़ता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में देश में स्थिरता का निर्माण हुआ है, जिससे देश में बड़े पैमाने पर निवेश का माहौल बना – है। समुद्री क्षेत्र एक विकसित भारत के निर्माण में एक महत्वपूर्ण कारक बन रहा है। इस सम्मेलन में 100 से अधिक देशों के साढ़े तीन सौ से अधिक विशेषज्ञों ने भाग लिया है और यह सम्मेलन भारत और विभिन्न देशों के बीच आपसी सहयोग बढ़ाकर वैश्विक समुद्री उद्योग को नई ताकत देने का काम करेगा।
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इस समझौता ज्ञापन से महाराष्ट्र में बंदरगाह विकास, जहाज निर्माण, समुद्री अनुसंधान और तकनीकी प्रशिक्षण में बड़े पैमाने वर निवेश होगा। दो महत्वपूर्ण परियोजनाएं दिघी बंदरगाह और वाढवण बंदरगाह, राज्य की समुद्री व्यापार क्षमता को बढ़ाएंगे आईआईटी मुंबई के सामा सहयोग से अनुसंधान और कौशल विकास को बढ़ावा मिलेगा, इसके माध्यम से, राज्य हजारों रोजगार के अवसर पैदा कर सकेंगा, नए उद्योगों को आकर्षित कर सकेगा और विकसित भारत 2047 के लक्ष्य की और अपनी प्रगति को तेज कर सकेगा केंद्र और राज्य सरकारों के संयुक्त प्रयासों से समुद्री विकास को नई ताकत मिल रही है और आज हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन इस दिशा में एक ठोस कदम है।






