सीएम देवेंद्र फडणवीस (फाइल फोटो)
मुंबई: महाराष्ट्र सरकार ने गुरुवार को वित्त आयोग से राज्य को मिलने राजस्व में हिस्सेदारी का प्रतिशत 41 से बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने की मांग की है। गुरुवार को सह्याद्री गेस्ट हाउस में आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने 16 वें वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया के सामने एक ज्ञापन पेश किया। इस बैठक में फडणवीस के साथ उपमुख्यमंत्री अजित पवार तथा एकनाथ शिंदे भी शामिल थे।
महाराष्ट्र सरकार ने वित्त आयोग को प्रस्ताव दिया है कि केंद्रीय करों की शुद्ध आय में राज्यों की हिस्सेदारी बढ़ाकर 50 प्रतिशत की जाए। इसमें कहा गया है कि राज्य ने विभाज्य पूल के ऊर्ध्वाधर हस्तांतरण को 41 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत करने, उपकरों और अधिभारों को मुख्य करों में विलय करने तथा केंद्र सरकार के गैर-कर राजस्व को विभाज्य पूल में शामिल करने का प्रस्ताव किया है।
राज्य ने आयोग से क्षैतिज हस्तांतरण के लिए सतत विकास और हरित ऊर्जा तथा भारत के सकल घरेलू उत्पाद में राज्यों द्वारा वृद्धिशील योगदान जैसे नए मानदंडों की सिफारिश करने का अनुरोध किया। क्षैतिज कर हस्तांतरण से तात्पर्य किसी देश के विभिन्न राज्य सरकारों के बीच कर राजस्व और अनुदान सहायता के वितरण से है। राज्य ने आय दूरी मानदंड के महत्व को 45 प्रतिशत से घटाकर 37.5 प्रतिशत करने का अनुरोध किया है। आय दूरी किसी राज्य की प्रति व्यक्ति आय तथा सभी राज्यों में उच्चतम प्रति व्यक्ति आय के बीच अंतर को मापती है।
विशेष अनुदान में राज्य ने एमएमआर के लिए आर्थिक मास्टर प्लान के कार्यान्वयन, नदी जोड़ो परियोजनाओं और नए उच्च न्यायालय परिसर, जेल के बुनियादी ढांचे, मेडिकल छात्रों के लिए पीजी छात्रावास और इको-पर्यटन जैसे कार्यों के लिए सहायता जैसी बड़ी परियोजनाओं के लिए 1,28,231 करोड़ रुपये की मांग की है।
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महाराष्ट्र सरकार ने वित्त आयोग को राज्य आपदा प्रतिक्रिया निधि (एसडीआरएफ) के तहत समग्र आवंटन बढ़ाने और केंद्र और राज्य के बीच साझाकरण अनुपात को 75:25 से संशोधित कर 90:10 करने का भी प्रस्ताव दिया है। एक अन्य प्रस्ताव में स्थानीय निकायों के लिए अनुदान-सहायता को विभाज्य पूल के 4.23 प्रतिशत से बढ़ाकर 5 प्रतिशत करने का अनुरोध किया गया है। महाराष्ट्र ने प्रस्ताव दिया है कि सार्वजनिक बस परिवहन और अग्निशमन सेवा प्रणालियों को बढ़ावा देने के लिए शहरी स्थानीय निकायों को अनुदान दिया जाए। वित्त आयोग के अध्यक्ष ने महाराष्ट्र की राजकोषीय समझदारी और भारत की विकास यात्रा में राज्य की महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना की।