BMC स्कूल (pic credit; social media)
BMC Schools Hi-Tech: अब तक सरकारी स्कूल का नाम सुनकर बच्चे मुंह बनाते थे और पैरेंट्स भी प्राइवेट स्कूलों का रुख करते थे। वजह साफ थी, सरकारी स्कूलों में सुविधाओं का टोटा। लेकिन अब तस्वीर बदलने जा रही है। मुंबई महानगरपालिका ने अपने स्कूलों को ‘हाईटेक’ बनाने का प्लान तैयार कर लिया है। मकसद है। सरकारी स्कूलों को प्राइवेट स्कूलों की सीधी टक्कर देना।
मनपा ने पुरानी और जर्जर इमारतों को पूरी तरह से तोड़कर नई गगनचुंबी इमारतें खड़ी करने का निर्णय लिया है। दावा है कि ये स्कूल पूरी तरह मॉडर्न होंगे और बच्चों को पढ़ाई से लेकर खेल तक हर सुविधा मिल पाएगी।
नई पॉलिसी के तहत बनने वाले स्कूल 8 से 10 मंजिला होंगे। भूतल पर बालवाड़ी और विशेष जरूरतों वाले बच्चों के लिए अलग क्लास बनाई जाएगी। छठी मंजिल तक पढ़ाई की क्लासरूम, साइंस और जियोग्राफी की प्रयोगशालाएं व लाइब्रेरी होगी। वहीं 7वीं से 10वीं मंजिल तक मल्टीपरपज हॉल, सेमिनार रूम और कक्षा 8 से 10 के बच्चों के लिए ‘स्किल डेवलपमेंट सेंटर’ बनाए जाएंगे। यानी बच्चों को सिर्फ किताबों तक सीमित नहीं रखा जाएगा बल्कि रोजगार देने वाले कौशल भी सिखाए जाएंगे।
इसे भी पढ़ें- बीएमसी स्कूलों में ‘मिशन एडमिशन’, पांच दिनों में 11,500 बच्चों को मिला प्रवेश
हर फ्लोर पर सीसीटीवी कैमरे, सर्वर रूम और कंट्रोल रूम होंगे। साथ ही रिफ्यूज एरिया और सुरक्षा पर भी पूरा ध्यान दिया जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि अब मनपा स्कूलों में बच्चे खुद जाना चाहेंगे और पैरेंट्स को भी प्राइवेट स्कूल का खर्चा उठाना नहीं पड़ेगा।
पहले फेज में कुलाबा, जुहू के धीग्राम, न्यू माहीम और साईबाबा पथ की चार स्कूलों को चुना गया है। हालांकि कुछ जगहों पर ऊंची इमारत बनाने की मंजूरी अभी नहीं मिली है। फिलहाल कई स्कूलों में 1500 से ज्यादा छात्र हैं लेकिन बिल्डिंग सिर्फ 4-5 मंजिल की है। नई इमारतें बच्चों के लिए राहत लेकर आएंगी।
दिलचस्प बात ये है कि स्कूल के सभागृह और सेमिनार हॉल को भविष्य में किराए पर देने की भी योजना है। हालांकि ये सब छात्रों की पढ़ाई और सुविधाओं को प्रभावित किए बिना किया जाएगा।
मनपा का दावा है कि ये स्कूल न सिर्फ बच्चों की पढ़ाई का स्तर ऊंचा करेंगे बल्कि गरीब परिवारों के बच्चों को रोजगार के बेहतर मौके देंगे। अब सरकारी स्कूलों का चेहरा पूरी तरह बदलने जा रहा है।