मुंबई में रेबीज टीकाकरण अभियान (pic credit; social media)
Mumbai rabies free campeion: मुंबई में आवारा कुत्तों की संख्या लगातार बढ़ रही है और इसके साथ ही कुत्तों के काटने की घटनाएं भी चिंताजनक स्तर पर पहुंच चुकी हैं। इस गंभीर समस्या से निपटने और रेबीज जैसी जानलेवा बीमारी पर लगाम लगाने के लिए बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने बड़ा कदम उठाया है। बीएमसी ने आवारा कुत्तों के रेबीज रोधी टीकाकरण का महाअभियान शुरू कर दिया है, जो 15 मार्च, 2026 तक चलेगा।
बीएमसी आयुक्त भूषण गगरानी के निर्देश पर यह अभियान शुरू किया गया है, जिसके तहत शहर और उपनगरों के हजारों आवारा कुत्तों को टीका लगाया जाएगा। इस अभियान को सफल बनाने के लिए बीएमसी को कई पशु कल्याण संगठनों का सहयोग मिल रहा है। इनमें यूथ ऑर्गनाइजेशन इन डिफेंस ऑफ एनिमल्स, उत्कर्ष ग्लोबल फाउंडेशन और यूनिवर्सल एनिमल वेलफेयर सोसायटी जैसी संस्थाएं शामिल हैं।
बीएमसी के पशु चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख डॉ. कलीम पाशा पठान ने बताया कि लक्ष्य है कि बड़े पैमाने पर आवारा कुत्तों का टीकाकरण किया जाए, ताकि रेबीज के खतरे को पूरी तरह खत्म किया जा सके और शहर को “रेबीज मुक्त मुंबई” बनाया जा सके।
बीएमसी ने इस मुहिम में स्थानीय नागरिकों, सामाजिक संगठनों, आवासीय समितियों और पशुपालकों से भी सक्रिय भागीदारी की अपील की है। प्रशासन का मानना है कि यदि हर कोई इस अभियान में सहयोग करेगा तो न केवल आवारा कुत्तों की वजह से होने वाली घटनाओं में कमी आएगी, बल्कि रेबीज जैसी घातक बीमारी से भी पूरी तरह बचाव संभव होगा।
गौरतलब है कि मुंबई में हर साल कुत्तों के काटने के हजारों मामले दर्ज होते हैं। इनमें से कई घटनाएं रेबीज संक्रमण की वजह से गंभीर रूप ले लेती हैं। ऐसे में बीएमसी की यह पहल आम लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में बेहद अहम मानी जा रही है।
यह अभियान मुंबईकरों के लिए राहत और सुरक्षा की गारंटी है। आने वाले साल भर से अधिक समय तक चलने वाले इस कार्यक्रम के जरिए बीएमसी का लक्ष्य न केवल कुत्तों का बड़े पैमाने पर टीकाकरण करना है, बल्कि नागरिकों में जागरूकता भी फैलाना है, ताकि “रेबीज मुक्त मुंबई” का सपना हकीकत बन सके।