मुंबई में बढ़ा प्रदूषण (सोर्स: सोशल मीडिया)
Mumbai News In Hindi: मुंबई उपनगरीय इलाकों में प्रदूषण के हॉटस्पॉट की सटीक पहचान करने और वायु गुणवत्ता के लिए प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली विकसित करने के उद्देश्य से बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने एक अहम परियोजना की शुरुआत की है।
इसके तहत बीएमसी ने ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एआरएआई) के सहयोग से मुंबई, ठाणे और नवी मुंबई में प्रदूषणकारी उत्सर्जन का उच्च-रिजॉल्यूशन इन्वेंट्री तैयार करने का काम शुरू किया है।
यह परियोजना तीन वर्षों की अवधि में पूरी की जाएगी और इसे ‘एमएमआर ब्रिडेड एमिशन इन्वेंट्री प्रोजेक्ट’ नाम दिया गया है। इस अध्ययन के अंतर्गत उद्योगों, सड़क की धूल, निर्माण स्थलों, आवासीय क्षेत्रों में ईंधन के उपयोग, कचरा जलाने, विमान संचालन, होटल तथा अन्य प्रमुख स्रोतों से होने वाले प्रदूषण का विस्तृत आकलन किया जाएगा।
बीएमसी अधिकारियों के अनुसार, इस परियोजना का उद्देश्य यह समझना है कि मुंबई महानगर क्षेत्र में किन-किन गतिविधियों से कितनी मात्रा में प्रदूषक उत्सर्जित हो रहे हैं। एक बार उत्सर्जन के प्रमुख स्रोतों की पहचान हो जाने के बाद, इस डेटा का उपयोग प्रस्तावित एयर क्वालिटी अर्ली वार्निंग सिस्टम और डिसीजन सपोर्ट सिस्टम के लिए किया जाएगा। यह प्रणाली पुणे स्थित भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (आईआईटीएम) द्वारा विकसित की जा रही है।
बीएमसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस अध्ययन में प्रदूषकों के भौतिक और रासायनिक गुणों का विश्लेषण किया जाएगा, जिससे यह स्पष्ट हो सकेगा कि किसी विशेष क्षेत्र में प्रदूषण का मुख्य कारण क्या है। उन्होंने कहा कि परियोजना का मकसद केवल आंकड़े जुटाना नहीं, बल्कि वैज्ञानिक आधार पर यह तय करना है कि प्रदूषण कम करने के लिए किन क्षेत्रों और गतिविधियों पर सबसे पहले कार्रवाई की जानी चाहिए।
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अधिकारियों का मानना है कि इस विस्तृत इन्वेंट्री के जरिए नीतिगत फैसले लेने में मदद मिलेगी और वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए अधिक प्रभावी एवं लक्षित कदम उठाए जा सकेंगे।