(डिजाइन फोटो)
मुंबई: लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में मिली हार के बाद बीजेपी विधानसभा चुनाव के लिए फूंक-फूंक कर कदम बढ़ा रही है। खबर है कि बीजेपी विधानसभा चुनाव के दौरान एक बार फिर से अपने पुराने नेताओं पर दांव लगा सकती हैं। बीजेपी में यह बदलाव राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की सलाह पर देखने को मिल सकता है। आरएसएस ने बीजेपी को साफ शब्दों में पुराने नेताओं को फिर सक्रिय करने की सलाह दी है।क्योंकि संघ का मानना है कि बीजेपी के नए नेताओं का जनसंपर्क बेहद कमजोर है।
विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी बीजेपी, आरएसएस का पूरा मार्गदर्शन ले रही है। संभाजीनगर में ऐसी ही एक बैठक के दौरान आरएसएस के पदाधिकारियों ने साफ शब्दों में कह दिया कि बीजेपी के नए नेताओं का जनसंपर्क बेहद कमजोर है। संघ के पदाधिकारियों ने भाजपा की वर्तमान राजनीतिक रणनीति पर उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के समक्ष अपनी नाराजगी व्यक्त की और तर्क दिया कि पुराने कार्यकर्ताओं को मुख्यधारा में लाया जाना चाहिए।
यह भी पढ़ें:– ‘पवार से कोई बैर नहीं, समरजीत की खैर नहीं’, हसन मुश्रीफ ने दी चेतावनी
बैठक में बताया गया कि पार्टी का ‘जमीनी स्तर’ संपर्क कम हो गया है। इस मौके पर मंत्री अतुल सावे भी मौजूद रहे। बताया जा रहा है कि संघ के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने फडणवीस से यह भी कहा कि विधानसभा चुनाव से पहले उन्हें जमीनी हकीकत जान लेनी चाहिए। इसके लिए पुराने कार्यकर्ताओं को मुख्यधारा में वापस लाना होगा। उन्होंने कहा कि अब तक जो हुआ सो हुआ, लेकिन अब इसे बदलने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। सबका ख्याल रखें, किसी को पीछे न छोड़ें।
यह भी पढ़ें:– महाराष्ट्र में शुरू हुआ महिला सशक्तिकरण का नया युग, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने की सराहना
बता दें कि विधानसभा चुनाव में बीजेपी की प्रचार रणनीति तय करने में संघ अहम भूमिका निभाएगा। विधानसभा चुनाव की तैयारियों से संबंधित बीजेपी की बैठकों में आरएसएस के पदाधिकारी भी मार्गदर्शन के लिए मौजूद रहेंगे। भाजपा की विधानसभा से संबंधित बूथवार बैठकों में भी संघ का के प्रतिनिधि शामिल होंगे। तो वहीं संघ के सहयोगी संगठनों के कार्यकर्ता भी बीजेपी के उम्मीदवारों के प्रचार में सक्रीय रूप से हिस्सा लेगें। जबकि बीजेपी, मुंबई में संघ के साथ हुए समझौते के तहत हिंदुत्व के एजेंडे पर ही चुनाव लड़ेगी।