
मुंबई में मुंह पर काली पट्टी बांधकर मूक आंदोलन में शामिल हुए भाजपा नेता (सोर्स: एक्स@RaviDadaChavan)
BJP Mook Protest Against MVA Satyacha Morcha: भारतीय जनता पार्टी (BJP) की महाराष्ट्र इकाई ने विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी (MVA) के ‘सत्याचा मोर्चा’ के विरोध में मुंबई में एक ‘मूक प्रदर्शन’ किया। यह विरोध प्रदर्शन दक्षिण मुंबई के गिरगांव इलाके में हुआ। विरोध जताने के लिए भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने अपने मुंह पर काली पट्टी बांधी हुई थी।
भाजपा का यह ‘मूक प्रदर्शन’ विपक्ष के महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS), कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के द्वारा मतदाता सूची में कथित अनियमितताओं के खिलाफ निकाले गए मार्च के जवाब में था। एमवीए ने दावा किया था कि इन अनियमितताओं से सत्तारूढ़ भाजपा को मदद मिल रही है।
भाजपा की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष रवींद्र चव्हाण ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि इस विरोध प्रदर्शन का मुख्य उद्देश्य चुनाव से पहले फर्जी बयानबाजी करने के एमवीए के कथित प्रयासों को उजागर करना है। चव्हाण ने आरोप लगाया कि एमवीए नेताओं ने हर चुनाव से पहले लोगों को गुमराह करने की लगातार कोशिश की है।
‘जिंकले की लोकशाही, हरले की ईव्हीएम’ हा महाविकास आघाडीचा नेहमीचाच पवित्रा आहे. निवडणूक येताच संविधान, लोकशाही यांच्या नावाने भावनिक राजकारण करून लोकांची दिशाभूल करायची, हा महाविकास आघाडीचा नेहमीचाच खेळ होऊन बसला आहे. लोकसभा निवडणुकीत जेव्हा जनमताचा कौल महाविकास आघाडीला… pic.twitter.com/IwAPAUNlj8 — Ravindra Chavan (@RaviDadaChavan) November 1, 2025
भाजपा नेता रवींद्र चव्हाण ने उदाहरण देते हुए कहा कि वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले भी इसी तरह के प्रयास किए गए थे, जब विपक्ष ने जानबूझकर संविधान में संशोधन के बारे में झूठे दावे किए थे।
भाजपा अध्यक्ष ने विपक्ष पर एक और गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष के कुछ नेता विदेश में बैठे लोगों और गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) के साथ मिलकर गलत सूचना फैलाकर समाज और सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं।
चव्हाण ने दावा किया कि कुछ गैर-सरकारी संगठनों के नाम और उनके वित्तपोषण के स्रोत अब दुनिया के सामने आ गए हैं। भाजपा ने इस प्रदर्शन के माध्यम से स्पष्ट किया कि वह मतदाता सूची विवाद को सिर्फ निकाय चुनावों से पहले विपक्ष द्वारा फैलाई गई ‘फर्जी बयानबाजी’ मानती है।






