आनंद परांजपे
Mumbai News: पूर्व सांसद और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता आनंद परांजपे ने विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के उस आदेश की आलोचना की, जिसमें दुर्गा पूजा के मौके पर आयोजित गरबा नृत्य में शामिल होने वाले लोगों की जांच करने की बात कही गई है।
आनंद परांजपे ने दोनों हिंदू संगठनों के इस आदेश को निंदनीय बताते हुए कहा कि इस तरह किसी व्यक्ति को धर्म के आधार पर प्रताड़ित नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि कई बार मुस्लिम धर्म से संबंधित त्योहारों में भी हिंदू समुदाय के लोग शामिल होते हैं, तब तो उनसे कभी उनकी पहचान के बारे में नहीं पूछा जाता। निसंदेह, अगर इस संबंध में किसी भी प्रकार का फैसला किया जा रहा है, तो उसे लेने का अधिकार महाराष्ट्र सरकार के पास है, न किसी और के पास।
उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से महाराष्ट्र सरकार की जिम्मेदारी होनी चाहिए कि कोई भी व्यक्ति कानून व्यवस्था मजाक नहीं बनाए। जहां कहीं भी महिलाएं रहें, वे पूरी तरह से सुरक्षित महसूस करें। उनकी सुरक्षा के साथ किसी भी प्रकार का समझौता नहीं होना चाहिए। निसंदेह, यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में गरबा के सुरक्षित आयोजन के लिए पुलिस की ओर से पूरी तैयारी पहले ही कर चुकी है। इस संबंध में पूरी रूपरेखा काफी पहले ही निर्धारित की चुकी है, लेकिन इस पूरी स्थिति को किसी भी तरह से धार्मिक रंग देना मुनासिब नहीं रहेगा।
उन्होंने आगे कहा कि भारत एक सहिष्णु देश है और ऐसी स्थिति में मुझे लगता है कि अगर कहीं पर भी कानून व्यवस्था की दिक्कत होगी तो महाराष्ट्र पुलिस इस दिशा में तत्काल हस्तक्षेप करेगी।
उन्होंने केंद्र सरकार की ओर से जीएसटी सुधार के संबंध में लिए फैसले का स्वागत किया और कहा कि इस फैसले के बाद अब दो ही तरह के स्लैब रहेंगे। इससे किसानों और अन्य लोगों को आर्थिक मोर्चे पर फायदा पहुंचेगा।
उन्होंने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बयान पर भी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर हम राजनीतिक क्षेत्र में एक-दूसरे के विरोधी हो सकते हैं, लेकिन इस बात को खारिज नहीं किया जा सकता है कि प्रधानमंत्री के पद की एक गरिमा होती है और उसके साथ किसी भी प्रकार का खिलवाड़ नहीं होना चाहिए।
उन्होंने सुझाव दिया कि अगर हमें इस बात की जानकारी हो कि सरकार के किसी कदम से देश की जनता को समग्र रूप से फायदा मिलने जा रहा है तो निसंदेह हम सभी को उसका स्वागत करना चाहिए। हमें सरकार के फैसले पर किसी भी प्रकार का सवाल नहीं उठाना चाहिए। मुझे लगता है कि इस थ्योरी को कांग्रेस को खुद पर लागू करना चाहिए।
वहीं, संजय राउत की ओर से प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन की टाइमिंग पर सवाल उठाए जाने की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि मुझे संजय राउत की बुद्धिमत्ता पर तरस आता है।
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उन्होंने कहा कि अब क्या ऐसी स्थिति पैदा हो चुकी है कि प्रधानमंत्री कार्यालय को संजय राउत से पूछकर पीएम की प्रेस ब्रीफिंग की टाइमिंग निर्धारित करनी होगी। मैं कुल मिलाकर यह बात स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि प्रधानमंत्री के पद की एक गरिमा होती है। वो जब चाहे, तब प्रेस ब्रीफिंग कर सकते हैं। इसके अलावा, पाकिस्तान के खिलाफ जिस तरह का कदम प्रधानमंत्री ने लिया है, वह सराहनीय है। देश की पूरी जनता इसका स्वागत करती है। -एजेंसी इनपुट के साथ