संजय राउत और अमित शाह (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Sanjay Raut on Amit Shah: शिवसेना यूबीटी के उद्धव ठाकरे की पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट में निशान के लिए याचिका दायर की थी। इस याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा। इस याचिका के तहत शिवसेना यूबीटी सुप्रीम कोर्ट से आगामी चुनाव के लिए धनुष बाण के निशान की मांग की है। इस पर संजय राउत ने प्रतिक्रिया दी है।
उद्धव ठाकरे की ‘शिवसेना’ नाम और चुनाव चिन्ह इस्तेमाल करने की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, “चुनाव आयोग अब स्वतंत्र नहीं रहा। (केंद्रीय गृह मंत्री) अमित शाह चुनाव आयोग चलाते हैं। जिस चुनाव आयोग को अमित शाह चलाते है, हम उनसे किस न्याय की उम्मीद कर सकते हैं? अमित शाह शिवसेना और महाराष्ट्र को खत्म करना चाहते हैं।”
शिवसेना यूबीटी सांसद ने चुनाव आयोग की विश्वसनीयता को खारीज करते हुए कहा कि उन्हें चुनाव आयोग पर भरोसा नहीं। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग अमित शाह चलाते है।
VIDEO | Mumbai: On hearing in Supreme Court today on Uddhav Thackeray’s petition to use ‘Shiv Sena’ name, symbol, Shiv Sena (UBT) leader Sanjay Raut says, “The Election Commission is no more independent. (Union Home Minister) Amit Shah runs the Election Commission. What justice… pic.twitter.com/AUh66joyJJ
— Press Trust of India (@PTI_News) July 14, 2025
उन्होंने शिवसेना यूबीटी को महाराष्ट्र का चौकीदार बताते हुए कहा, “ऐसे में शिवसेना जो महाराष्ट्र की चौकीदार है उसे खत्म करके मुंबई लूटना चाहते है। इसलिए सबसे पहले हमसे हमारी बालासाहेब की बनाई पार्टी छीनी, पार्टी का निशान छीन लिया और वो एक चोर को दे दिया, एक लफंगे को दे दिया, जो पार्टी छोड़कर भाग गया। ये चुनाव आयोग की स्थिति है। अमित शाह चुनाव आयोग चला रहा है। उनसे हम न्याय की अपेक्षा नहीं कर सकते। इसलिए हमने पहले भी सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और न्याय पाने के लिए फिर से दरवाजा खटखटा रहे हैं।”
जन सुरक्षा विधेयक का विरोध कर रही विपक्ष पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि एक बार विपक्ष जन सुरक्षा कानून पढ़ लेगी तो इसका विरोध नहीं करेगी। इस पर संजय राउत ने कहा, “जन सुरक्षा कानून पढ़ने की जरूरत मुख्यमंत्री को है। कानून बनाने वाले लोग खाकी वर्दी वाले लोग है। उनकी मानसिकता उज्जवल निकम जैसी है। जैसे भारतीय जनता पार्टी के साथ रहकर उन्हे राज्यसभा का नोमिनेशन मिला। वो राष्ट्रपति का नोमीनेशन नहीं मानता होगा। अगर आप भाजपा के प्रचारक बन गए तो आप कुछ भी कर सकते है।”
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चुनाव चिह्न को लेकर शिवसेना यूबीटी की याचिका पर आज (14 जुलाई) सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा। उद्धव ठाकरे गुट ने आगामी महाराष्ट्र स्थानीय निकाय चुनाव में चुनाव चिह्न के रूप में धनुष-बाण का इस्तेमाल करने की अनुमति के लिए याचिका दायर की थी।