केक इंडस्ट्री (pic credit; social media)
Clean Fuel Bakeries: मुंबई की कुल 592 बेकरियों में से करीब 50 प्रतिशत ने अब तक स्वच्छ ईंधन अपनाने में विफलता दिखाई है। मनपा ने सभी बेकरियों को 8 जुलाई तक पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) जैसे हरित ईंधन पर स्विच करने का निर्देश दिया था। यह आदेश बॉम्बे हाई कोर्ट के 9 जनवरी के निर्देशों के बाद लागू किया गया था, जिसमें कहा गया था कि परंपरागत भट्टी प्रणाली पर चलने वाले सभी खाद्य प्रतिष्ठानों को स्वच्छ ईंधन पर स्थानांतरित होना होगा।
मनपा के आंकड़ों के अनुसार, 592 में से 209 बेकरियां पहले ही स्वच्छ ईंधन पर चल रही हैं, जबकि 295 अब भी लकड़ी या परंपरागत चूल्हों पर काम कर रही हैं। फरवरी से सितंबर के बीच केवल 48 बेकरियों ने स्वच्छ ईंधन अपनाया है। इनमें से 32 ने पहला नोटिस मिलने के बाद और 16 ने दूसरा नोटिस मिलने के बाद बदलाव किया।
मनपा ने बेकरी मालिकों के लिए सेमिनार भी आयोजित किया। 18 सितंबर को रानी बाग में आयोजित इस कार्यक्रम में 130 बेकरी मालिकों ने महानगर गैस लिमिटेड में हरित ईंधन के लिए आवेदन किया। मनपा के मुख्य अभियंता अविनाश वाटे ने बताया कि बेकरी मालिकों को हरित ईंधन अपनाने में पूरी सहायता दी जाएगी और उन्हें लोन एवं सब्सिडी योजना के तहत मदद भी मिलेगी।
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हालांकि, कई बेकरियां अभी भी हरित ईंधन में बदलने के लिए अनिच्छुक हैं। मालिकों का कहना है कि पुराने चूल्हों को तोड़कर नया चूल्हा बनाने में लागत बढ़ जाती है। कुछ बेकरियां तो बंद भी हो गई हैं।
मनपा और पर्यावरण विभाग लगातार बेकरी मालिकों को जागरूक कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट के निर्देशों का पालन करना अनिवार्य है और पारंपरिक ईंधन का उपयोग बंद कर हरित ईंधन में स्विच करना चाहिए। इससे न केवल प्रदूषण कम होगा बल्कि स्वास्थ्य और सुरक्षा में भी सुधार आएगा।
स्वच्छ ईंधन अपनाने से बेकरी संचालन में लागत तो बढ़ सकती है, लेकिन यह शहर की हवा और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम है। मनपा ने आश्वासन दिया है कि जिन बेकरियों को आर्थिक या तकनीकी मदद की जरूरत होगी, उन्हें सहायता दी जाएगी।