मुंबई-पुणे मिसिंग लिंक काम का जायजा लेने पहुंचे सीएम देवेन्द्र फडणवीस व डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे (फोटो- नवभारत)
Mumbai-Pune Missing Link: बहुद्देश्यीय मुंबई-पुणे एक्सप्रेस वे पर यात्रा करने वालों को लोनावला घाटी में होने वाले ट्रैफिक जाम से जल्द ही राहत मिलने वाली है। मुंबई पुणे एक्सप्रेस वे की दूरी को कम करने के साथ यात्रा के समय को भी घटाने के उद्देश्य से निर्माणाधीन मिसिंग लिंक प्रोजेक्ट का काम अब अपने अंतिम चरण में है।
शनिवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस एवं उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने एमएसआरडीसी के अधिकारियों के साथ कार्यस्थल का दौरा कर प्रोजेक्ट का जायजा लिया। इस दौरान सीएम फडणवीस ने कहा कि मुंबई-पुणे इकोनॉमी कॉरिडोर के विकास में योगदान देने वाले इस लिंक का काम अक्टूबर तक पूरा करने के लिए कहा गया है।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने इस प्रोजेक्ट को इंजीनियरिंग मार्वल बताते हुए कहा कि इस मिसिंग लिंक पर लगभग 23 मीटर चौड़ी और 11 किमी लंबी टनल के साथ सबसे ऊंचा केबल स्टे ब्रिज भी बन रहा है। इसका सबसे ऊंचा पॉइंट 183 मीटर है। यहां हमेशा 65 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलती है। ऐसी विपरीत परिस्थितियों में यहां काम करना अपने आप में अनोखा है। सीएम ने कहा कि इस मिसिंग लिंक के बन जाने से पुणे से नवी मुंबई एयरपोर्ट की दूरी मात्र सवा घंटे में तय की जा सकेगी।
उल्लेखनीय है कि मिसिंग लिंक प्रोजेक्ट के तहत महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (एमएसआरडीसी) ने 13.3 किमी लंबे नए रूट की योजना बनाई। इसके तहत दो टनल और दो केबल ब्रिज बन रहे हैं। 13.33 किमी में से 11 किमी लंबी व 23 मीटर चौड़ी टनल है। इसके साथ दोनों तरफ पहाड़ो को जोड़ने वाला करीब 2 किमी का केबल स्टे ब्रिज है,जिसका निर्माण एफकॉन्स इंजीनियरिंग लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है।
एक्सप्रेस वे पर मौजूदा समय में खोपोली एक्जिट से सिंहगढ़ इंस्टीट्यूट के बीच की दूरी 19 किमी है। मिसिंग लिंक के बन जाने से यह दूरी घट कर 13 किमी रह जाएगी। सीएम फडणवीस के अनुसार दूरी घटने के साथ घाटी में सीमलेस ट्रैफिक होने से यात्रा के समय में भी लगभग आधा घंटे की बचत होगी। देश का नया इंजीनियरिंग मार्वल साबित होने वाले इस चुनौतीपूर्ण प्रोजेक्ट के लिए सीएम ने एमएसआरडीसी के अधिकारियों व संबंधित कंपनी के कर्मचारियों की पीठ भी थपथपाई।
खोपोली में दुर्गम पहाड़ियों के बीच बन रहा देश का सबसे ऊंचा केबल ब्रिज हवा की 250 किमी प्रति घंटे की रफ्तार को भी झेल सकता है। तेज हवा के दबाव के बीच यह ब्रिज तैयार करने के लिए ॲफकॉन्स कंपनी ने विश्वस्तरीय अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग किया है। जिस परिसर में यह ब्रिज बन रहा है, वहां 60 किमी की स्पीड से हवा चलती है। बनने के बाद ब्रिज पर 100 किमी की स्पीड से गाड़ियां चलेगी।
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यहां तेज हवा को ध्यान में रखते ब्रिज का डिजाइन तैयार किया गया है। इसके लिए लगभग 3.50 लाख घनमीटर कंक्रीट और 31 हजार टन स्टील का इस्तेमाल किया जा रहा है। कुल प्रोजेक्ट का काम 94 प्रतिशत से अधिक होने की जानकारी दी गई है। वैसे प्रोजेक्ट को दिसंबर 2025 तक पूरा होना है,परंतु सीएम फडणवीस ने अक्टूबर तक पूरा करने का निर्देश दिया है।
रिपोर्ट- सूर्यप्रकाश मिश्र