सीएम देवेंद्र फडणवीस ने लिया एक्शन (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Shani Shingnapur Temple Trust suspended: अहिल्यानगर जिले में शनि शिंगणापुर देवस्थान में वित्तीय अनियमितताएं और धोखाधड़ी की गई है। चैरिटी कमिश्नर कार्यालय की एक रिपोर्ट से घोटाले का खुलासा हुआ है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को विधानसभा में घोषणा की कि करोड़ों रुपए के इस घोटाले के संबंध में शनि शिंगणापुर स्थित शनेश्वर देवस्थान ट्रस्ट के न्यासी बोर्ड को बर्खास्त किया जा रहा है।
उन्होंने यह भी कहा कि ट्रस्टियों द्वारा धन के दुरुपयोग की जांच की जाएगी और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। उन्होंने चेतावनी दी कि जो लोग ईश्वर के नाम पर भ्रष्टाचार करते हैं, उन्हें कतई नहीं बख्शा जाएगा। इस दौरान मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार के आंकड़े देते हुए बताया कि कैसे गैर-मौजूद कर्मचारियों की भर्ती की गई। शनि शिंगणापुर मंदिर में हुए घोटालों का मामला स्थानीय विधायक विट्ठल लंघे ने उठाया।
उन्होंने कहा कि ट्रस्ट के ट्रस्टियों ने एक डमी ऐप बनाया और उस पर लाखों भक्तों से पूजा के लिए दान स्वीकार किया। लांघे ने कहा कि ऐसे तीन या चार ऐप थे और प्रत्येक ऐप पर तीन से चार लाख भक्तों ने पैसे भेजे हैं। इसके अलावा उन्होंने फर्जी कर्मचारी भर्ती का भी मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि कुल 100 करोड़ रुपए का घोटाला किया गया है। भाजपा के सुरेश धास ने आरोप लगाया कि यह घोटाला 500 करोड़ रुपए का है और ट्रस्टी हर हफ्ते 10 करोड़ रुपए की जमीन खरीद रहे हैं।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने ट्रस्ट के लेन-देन की जांच करने वाली सरकारी समिति की रिपोर्ट से चौंकाने वाले आंकड़े पेश किए। सीएम फडणवीस ने कहा कि मैं खुद लंबे समय से इस मंदिर में आता रहा हूं। जब यहां 258 कर्मचारी थे, तब मंदिर सुचारू रूप से चलता था। न्यासी बोर्ड ने कुल 2,447 कर्मचारियों की भर्ती की हैं, वे सभी भी फर्जी थे। इस जगह पर केवल 4 डॉक्टर और 9 कर्मचारी मौजूद थे। 80 कर्मचारी उस बगीचे में आए जो अस्पताल में नहीं था। 327 कर्मचारियों को अस्तित्वहीन दिखाया गया।
यह भी पढ़ें- छत्रपति शिवाजी महाराज के 12 किलों को UNESCO की विश्व धरोहर सूची में मिला स्थान
भक्तन निवास में 109 कमरे हैं। दिखाया गया कि इन 109 कमरों के लिए 200 कर्मचारी काम कर रहे थे, लेकिन वास्तव में वहां केवल दो या चार कर्मचारी ही थे। इसके साथ ही यहां 12 काउंटर हैं, जिनमें से 8 दान स्वीकार करने के लिए और 4 तेल बेचने के लिए हैं। वहां केवल 2 कर्मचारी काम करते हैं, जबकि वहां 352 कर्मचारी दिखाए गए थे। मंदिर में 2,474 कर्मचारियों को काम करते हुए दिखाया गया, उनमें से किसी की भी उपस्थिति दर्ज नहीं थी।