छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सोर्स: सोशल मीडिया)
Mumbai CSMT Railway Protest News: मुंबई रेलवे पुलिस ने छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (CSMT) पर 6 नवंबर को हुए अवैध विरोध प्रदर्शन का संज्ञान लेते हुए सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ (CRMS) के दो कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। बिना अनुमति हुए इस धरने के कारण करीब एक घंटे तक रेलवे परिचालन बाधित रहा और प्लेटफॉर्म पर अफरा-तफरी मच गई थी।
मुंबई रेलवे पुलिस ने सीएसएमटी रेलवे पुलिस स्टेशन में एस.के. दुबे और विवेक सिसोदिया के खिलाफ मामला दर्ज किया है। यह विरोध प्रदर्शन मुंब्रा स्टेशन पर हुई एक दुर्घटना में मारे गए पांच लोगों के मामले में दो इंजीनियरों के खिलाफ दर्ज की गई प्राथमिकी (FIR) को वापस लेने की मांग को लेकर किया गया था।
घटना की शुरुआत 6 नवंबर की शाम 4 बजे हुई। सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ (CRMS) के अध्यक्ष प्रवीण वाजपेयी के नेतृत्व में लगभग 100 से 200 रेल कर्मचारी मिलन हॉल में एकत्र हुए। इसके बाद वे शांतिपूर्वक डीआरएम कार्यालय की ओर मार्च करने लगे।
आधिकारिक प्रदर्शन समाप्त होने के बाद, शाम 5:30 बजे स्थिति बिगड़ गई। एस.के. दुबे और विवेक सिसोदिया के नेतृत्व में लगभग 30-40 कर्मचारी अचानक मोटरमैन लॉबी में घुस गए।
इन प्रदर्शनकारियों ने लोहे की बेंचों का उपयोग करके मोटरमैन, गार्ड और स्टेशन मैनेजर कार्यालय के प्रवेश द्वार को अवरुद्ध कर दिया। इस गैरकानूनी कार्रवाई के कारण कर्मचारी अंदर फंस गए। प्रवेश द्वार अवरुद्ध होने के तुरंत बाद, शाम 5:41 बजे से लोकल ट्रेन सेवाएं पूरी तरह से ठप हो गईं।
परिचालन बाधित होने के कारण प्लेटफॉर्म पर यात्रियों की भारी भीड़ जमा हो गई, जिससे वहां अफरा-तफरी मच गई। यह व्यवधान लगभग एक घंटे तक बना रहा। डीआरएम द्वारा आश्वासन दिए जाने के बाद शाम 6:38 बजे यह धरना समाप्त हुआ और सेवाएं धीरे-धीरे बहाल हुईं।
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वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने स्पष्ट किया कि बिना पूर्व अनुमति के सीएसएमटी परिसर में धरना देना पूरी तरह से गैरकानूनी है, क्योंकि इससे रेलवे परिचालन बाधित होता है और यात्रियों को परेशानी होती है। पुलिस ने यह भी बताया कि प्रदर्शन की अनुमति नहीं ली गई थी, जो रेलवे पुलिस आयुक्तालय के नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है।
रेलवे पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर सख्त कार्रवाई करते हुए भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 189(2), 190, 127(2), 221, 223 तथा महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम की धारा 37(1) और 135 के तहत मामला दर्ज किया है। इसके अतिरिक्त, इस कृत्य ने आईपीसी की धारा 163 के तहत लागू निषेधाज्ञा का भी उल्लंघन किया।
पुलिस ने कहा है कि जांच अभी भी जारी है ताकि यह पता लगाया जा सके कि इस आंदोलन को उकसाने और समर्थन देने वाले अन्य लोग कौन थे। दोनों मुख्य आरोपियों, एस.के. दुबे और विवेक सिसोदिया, को जल्द ही पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा।
(एजेंसी इनपुट के साथ)