समृद्धि महामार्ग
मुंबई. हिंदू ह्रदय सम्राट बालसाहेब ठाकरे समृद्धि महामार्ग पर होने वाली दुर्घटनाओं को कम करने के लिए कई महत्वपूर्ण उपायों पर काम किया गया है। हालांकि दिर्घटनाओं में कमी नहीं देखि गई है। इसी को मद्देनज़र रखते हुए अब महाराष्ट्र स्टेट रोड डेवलपमेंट कारपोरेशन (एमएसआरडीसी) ने दुर्घटनाओं में घायल लोगों को तुरंत उपचार मिल सके और उन्हें समय पर उचित अस्पताल पहुंचाया जा सके, इसके लिए समृद्धि महामार्ग के किनारे छह हेलीपैड बनाने का फैसला लिया है। ताकि जरूरतमंदों को आसानी से एयरलिफ्ट कर कम समय में अस्पताल पहुंचाया जा सकेगा।
एमएसआरडीसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि महामार्ग के किनारे ही ये हेलीपैड बनाए जाएंगे। इन हेलीपैड की लंबाई 30 मीटर और चौड़ाई 30 मीटर होगी, यानी यह हेलिपैड लगभग 900 वर्ग मीटर के क्षेत्र में फैले होंगे। इन हेलीपैड्स पर ऐसी व्यवस्था की जाएगी कि सभी प्रकार के हेलीकॉप्टर उतर सके।
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याद दिला दें कि एमएसआरडीसी द्वारा बनाए जा रहे मुंबई-नागपुर के बीच 701 किलोमीटर लंबा समृद्धि महामार्ग का काम अपने आखरी चरण पर है। 600 किमी का मार्ग, जनता के लिए खोला जा चुका है, जिसपर गाड़ियां 100-120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही है। लेकिन तेज गति के कारण बार-बार दुर्घटनाएं हो रही हैं। इसी के पृष्ठभूमि में भीषण दुर्घटनाओं में घायल लोगों को एयरलिफ्ट कर कम समय में अस्पताल पहुंचाने के लिए वर्धा, बुलढाणा, जालना, शिरडी, नांदगांव (इगतपुरी), आमने (भिवंडी) इन छह जगहों पर हेलीपैड बनाए जाएंगे। इसी का हिस्सा मानते हुए इगतपुरी के नांदगांव में अस्थाई हेलीपैड तैयार किया जा रहा है और अन्य सुविधाएं भी जल्द ही उपलब्ध कराई जाएंगी।
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MSRDC के प्रबंध निदेशक अनिलकुमार गायकवाड़ ने कहा, “हम समृद्धि महामार्ग पर दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सावधानियां बरत रहें है। अगर दुर्घटना हो भी जाए, तो एयरलिफ्ट करने की तैयारी की जा रही है। असुविधा से बचने के लिए विभिन्न स्थानों पर हेलीपैड बनाए जाएंगे। ताकि घायल इंसान समय पर अस्पताल पहुंच सके।”
नागपुर से शुरुआत
वर्धा – 78 किमी
बुलढाणा – 284 किमी
जालना – 370 किमी
शिरडी – 520 किमी
इगतपुरी – 625 किमी
भिवंडी – 701 किमी