संजय राउत, राज-उद्धव ठाकरे (pic credit; social media)
Maharashtra Politics: शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे (यूबीटी) पार्टी के सांसद संजय राउत ने शनिवार को निकाय चुनाव में महाविकास आघाड़ी के भविष्य को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने उद्धव और राज ठाकरे के गठबंधन की पुष्टि करते हुए कहा कि इंडिया गठबंधन लोकसभा चुनाव के लिए था तो वहीं विधानसभा चुनाव के लिए महाविकास आघाड़ी बनाई गई थी। लेकिन, फिलहाल मुंबई महानगरपालिका (मविआ) सहित स्थानीय निकाय चुनावों के लिए कोई गठबंधन या आघाड़ी नहीं बनाई गई है।
इसलिए मनपा और स्थानीय चुनावों के लिए है केंद्रीय स्तर पर कोई चर्चा नहीं हो रही है। राउत ने कहा कि यूबीटी और मनसे के साथ आने का फैसला राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे ने मिलकर लिया है। इसके लिए वे सक्षम हैं। यह महाराष्ट्र का सबसे बड़ा घटनाक्रम है। इसलिए इस पर चर्चा हो रही है।
मुंबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में संजय राऊत ने कहा कि राज और उद्धव मुंबई में एक साथ हैं। विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता विजय वडेट्टीवार ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी है। वडेट्टीवार ने कहा है कि राज ठाकरे स्टैंड लिया है। अब देखते हैं कि दोनों भाई क्या फैसला लेते हैं? फिलहाल दोनों भाइयों को साथ आने दो। लेकिन उनके साथ आने की खबर सुनकर ही कई लोगों की नींद उड़ गई है। बहुतों के पेट में दर्द हो रहा है, होने दो। लेकिन हम खुश हैं।
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उनके साथ आने के बाद, हम अपना निर्णय लेंगे। ऐसा कहते हुए राउत ने कहा कि इंडिया की बैठक में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से चर्चा हुई। चूंकि दो प्रमुख लोग एक साथ आ रहे हैं तो इस पर इंडिया गठबंधन में किसी को कोई आपत्ति नहीं है। यदि दो भाई एक साथ आ रहे हैं, तो किसी को आपत्ति क्यों होगी? मराठी मुद्दे पर यहां हर्षवर्धन सकपाल, (कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई) भी अपना रुख स्पष्ट कर चुकी है। राउत ने सवाल भरे लहजे में कहा कि हम राजनीतिक रूप से एक साथ आए हैं। इसका फोकस मराठी भाषा, मराठी अस्मिता, मराठी लोग, महाराष्ट्र की सुरक्षा है, इसमें अलग मुद्दा क्या है?
यूबीटी-मनसे के मराठी आंदोलन का बचाव करते हुए राउत ने कहा कि मुंबई महाराष्ट्र की राजधानी है। यदि उद्धव-राज ने मुंबई को बचाने के लिए एक साथ आने का फैसला किया है तो स्वाभिमानी मराठी इससे खुश होंगे। उन्होंने आगे कहा कि एक समय शिवसेना पर आरोप लगते थे, लेकिन राज ठाकरे ने फिलहाल प्रवासियों के खिलाफ कोई स्टैंड नहीं लिया है। लेकिन महाराष्ट्र में रहने वालों को मराठी बोलने में सक्षम होना चाहिए।
प. बंगाल में ममता बनर्जी ने भाषाई आंदोलन शुरू किया। तमिलनाडु में चल रहा है, फिर महाराष्ट्र पर सवाल क्यों उठाते हो? हम मराठी बोलते हैं इसलिए लोगों से मराठी बोलने को कहते हैं। लेकिन जब कोई कहता है कि हम मराठी नहीं बोलेंगे तो महाराष्ट्र में लोगों का आक्रोश भड़क उठता है और यह स्वाभाविक है।
संजय राउत ने कहा कि बालासाहेब ठाकरे की शिवसेना को तोड़ने का पाप करने वालों, फडणवीस हमें ज्ञान का पाठ न पढ़ाएं। हम अपनी शर्तों पर दिल्ली जा रहे हैं। हम किसी के आगे लाचार नहीं हैं। हमने बीजेपी को ठोकर मार कर स्वतंत्र रुख अपनाया है क्योंकि हम बेबस नहीं हैं। अमित शाह ने हमें अपमानित किया। लेकिन यदि हम लाचार होते, तो आपके पीछे दौड़ रहे होते। इसलिए मराठी लोगों के संगठन को तोड़ कर शाह के चरणों में नजराना पेश करने वाले हमें आत्मसम्मान न सिखाएं।