राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले (pic credit; social media)
मुंबई: महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने शनिवार को शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने ठाकरे के मराठी प्रेम को दिखावटी करार देते हुए कहा कि उनका असली एजेंडा ‘मराठी’ नहीं, बल्कि ‘मुंबई महापालिका’ पर कब्जा करना है। ये सब केवल चुनावी ड्रामा है जो चुनाव जीतने के लिए किया जा रहा है।
बावनकुले ने उद्धव ठाकरे के हालिया भाषण पर तंज कसते हुए कहा कि वर्ली में ठाकरे ने मराठी के नाम पर सत्ता खोने का शोकगीत गाया है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब उद्धव ठाकरे 2019 से 2022 तक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे, तब 2022 में पहली कक्षा से हिंदी को अनिवार्य करने की सिफारिश को क्यों स्वीकार किया गया? बावनकुले ने कहा कि ‘उद्धव ठाकरे का मराठी प्रेम सिर्फ तब जागता है, जब चुनाव नजदीक होते हैं। यह उनका राजनीतिक तमाशा है, जिसे जनता अब अच्छी तरह समझ चुकी है।
जब सत्ता में थे, तब क्यों याद नहीं आई मराठी की
राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने आगे कहा कि ठाकरे ने मुंबई में अपनी सत्ता के दौरान मराठी मानुष को हाशिए पर रखा था। बावनकुले ने आरोप लगाया कि शिवसेना (UBT) ने बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) में लंबे समय तक शासन किया, लेकिन मराठी लोगों के लिए कोई ठोस काम नहीं किया था। उन्होंने कहा कि ‘मराठी भाषा सिर्फ भावनाओं का विषय नहीं, बल्कि नीतियों में दिखने वाली अस्मिता होनी चाहिए। लेकिन ठाकरे ने सत्ता में रहते हुए मराठी अस्मिता को मजबूत करने के लिए कुछ नहीं किया। अब जब विपक्ष में बैठे है तो मराठी मानुष की बात कर रहे हैं।
इनका ‘म’ महापालिका के लिए है
बावनकुले ने यह भी कहा कि उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे की हालिया रैली, जिसमें मराठी भाषा के समर्थन में प्रदर्शन किया गया है। यह केवल आगामी BMC चुनावों के लिए वोट हासिल करने की रणनीति मात्र है। उन्होंने दावा किया कि ठाकरे का ‘म’ मराठी के लिए नहीं, बल्कि महापालिका की सत्ता के लिए है। महाराष्ट्र में हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में लागू करने के प्रस्ताव को लेकर हाल ही में विवाद हुआ था।
मराठी अस्मिता का ढोंग कर रहे हैं
इस प्रस्ताव को महायुति सरकार ने वापस ले लिया, जिसके बाद उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे ने इसका स्वागत किया था। लेकिन बावनकुले ने ठाकरे पर दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि जब ठाकरे सत्ता में थे, तब उन्होंने मराठी भाषा की रक्षा के लिए कोई कदम नहीं उठाया, और अब विपक्ष में रहते हुए वे मराठी अस्मिता का ढोंग कर रहे हैं। बावनकुले ने यह भी जोड़ा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में महायुति सरकार ने मुंबई में कई बड़े प्रोजेक्ट्स जैसे मेट्रो, कोस्टल रोड और स्लम पुनर्वास योजनाएं शुरू की हैं, जो मराठी लोगों के हित में हैं। उन्होंने ठाकरे से सवाल किया कि उनके शासन में BMC ने मराठी लोगों के लिए क्या किया?