आशिष शेलार (pic credit; social media)
Maharashtra News: ऐतिहासिक अभिलेखीय दस्तावेजों का संरक्षण ऐतिहासिक दृष्टि से एक महत्वपूर्ण कार्य है और सरकार इस कार्य के लिए धन की कमी नहीं होने देगी। सांस्कृतिक विभाग के मंत्री आशीष शेलार बुधवार को अभिलेखीय कार्यालय के कामकाज का निरीक्षण करने के दौरान उक्त विचार व्यक्त किए, पुणे अभिलेखीय कार्यालय में लगभग 4 करोड़ ऐतिहासिक दस्तावेज हैं, जिनमें 39,000 हस्तपुस्तिकाएं शामिल हैं। इनमें 29,463 मराठी हस्तपुस्तिकाएं, 644 गुजराती हस्तपुस्तिकाएं और 10,518 अंग्रेजी फाइलें शामिल हैं।
इस संग्रह में पेशवाकालीन रोजगार कार्यालय, छत्रपतिशाहू महाराज, सातारा महाराज, आंग्रे, कर्नाटक, प्रांत आजमास और जमाव दफ्तर जैसे महत्वपूर्ण विभागों के दस्तावेज शामिल हैं। मंत्री शेलार ने कहा कि 40 लाख दस्तावेज जीर्ण-शीर्ण अवस्था में हैं और उनके संरक्षण पर 30 करोड़ रुपए खर्च होने का अनमान है।
टिशू पेपर लगाकर दस्तावेजों को सुरक्षित रखने के कार्य पर प्रति पृष्ठ 75 रुपए का खर्च आता है। इसके अलावा, प्राचीन दस्तावेजों को सुरक्षित रखने के लिए धूल-रोधी धूमन और अन्य रासायनिक प्रक्रियाओं का भी उपयोग किया जाता है। अभिलेखागार की ऐतिहासिक इमारत के संरक्षण और परिरक्षण पर 15 करोड़ रुपए का अतिरिक्त खर्च होने का अनुमान है। दस्तावेजों के दीर्घकालिक संरक्षण के लिए डिजिटलीकरण, माइक्रोफिल्मिंग और एसिड-मुक्त बक्सों जैसी आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है। इस अभिलेखागार से सालाना 12 से 15 लाख रुपए का राजस्व प्राप्त होता है और इनाम-वतन और भूमि हस्तांतरण अर्क से संबंधित दस्तावेजों का उपयोग अदालती कार्यवाही में सबूत के तौर पर किया जाता है।
मंत्री आशीष शेलार से कुल 45 करोड़ रुपए का अनुदान मांगा गया है। शेलार ने आवश्यक धनराशि उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि यह ऐतिहासिक शोधकर्ताओं के लिए एक अमूल्य निधि है। उन्हें बताया गया कि विदेशी शोधकर्ता भी यहां अध्ययन के लिए आ रहे हैं। उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने लोक निर्माण विभाग को 20 करोड़ रुपए की योजना तैयार करने के निर्देश पहले ही दे दिए हैं। इस अवसर पर अभिलेखागार की सहायक निदेशक शैला जंगम, अभिलेखागार अधिकारी शैलेंद्र वाघ, वरिष्ठ सहायक रवींद्र फड़तारे, अभिलेखपाल सुनीता वाघमारे और पुणे अभिलेखागार के अन्य कर्मचारी उपस्थित रहे।
शेलार ने कहा कि सरकार ने राज्य में सार्वजनिक गणेशोत्सव को राजकीय उत्सव के रूप में मनाने का निर्णय लिया है और सभी को पार्वजनिक गणेशोत्सव को वैश्विक स्तर पर ले जाने के लिए मिलकर काम करना चाहिए। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि इस वर्ष के गणेशोत्सव में गणेश मंडलों को छत्रपति शवाजी महाराज के जीवन से जुड़ी घटनाओं, ऑपरेशन सिंदूर, स्वदेशी उत्पादों के उपयोग, यूनेस्को की विरासत सूची में शामिल 12 किलों, पर्यावरण आदि जैसे मुद्दों पर जागरूकता पैदा करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। मराठी संस्कृति, कलाकारों और परंपराओं को नोत्साहित करने के लिए एक मराठी नाटक महोत्सव का आयोजन किया जाना चाहिए। विभिन्न विषयों पर व्याख्यान श्रृंखला, चित्रकला, निबंध प्रतियोगिताएं आयोजित की जानी चाहिए।