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मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को समाप्त हो रहा है। संभावना जताई जा रही है कि इससे पहले होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर आगामी 15 दिनों में आचार संहिता लगाई जा सकती है। ऐसे में महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महायुति सरकार पूरी तरह से चुनावी रंग में रंग गई है। ऐसा सोमवार को महायुति सरकार की कैबिनेट बैठक के दौरान लिए गए 23 रिकॉर्ड निर्णयों से साफ हो गया है।
मंत्रालय में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट की बैठक में लिए गए निर्णयों के जरिए सरकार ने सभी को खुश करने का प्रयास किया है। बैठक में कुणबी की तीन उपजातियों को ओबीसी में शामिल करने को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई तो वहीं सरपंच का मानधन डबल कर दिया गया है। इतना ही नहीं ग्रामसेवकों रुतबा भी अधिकारियों की तरह बढ़ा दिया गया है। अर्थात ग्रामसेवक पद का नाम बदल कर ग्राम विकास अधिकारी कर दिया गया है। इसी तरह दूध पर अनुदान बढ़ा दिया गया है।
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शिंदे कैबिनेट ने परशुराम आर्थिक विकास महामंडल की स्थापना को मंजूरी दी। इसकी स्थापना की मांग को लेकर ब्राह्मण समाज लंबे समय से आंदोलन कर रहा था। इसके अलावा आज सरपंच और उपसरपंच का वेतन बढ़ाकर दोगुना कर दिया गया। तो वहीं मंत्री गिरीश महाजन ने यह भी बताया कि जिस ग्राम पंचायत की जनसंख्या 2000 तक है, उसका पारिश्रमिक 1000 से बढ़ाकर 6000 कर दिया गया है।
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इसके अलावा दूध पर सब्सिडी जारी रखने तथा गाय के दूध पर सब्सिडी 7 रुपए प्रति लीटर करने, धान किसानों को 40 रुपए प्रति क्विंटल अतिरिक्त माल भाड़ा देने तथा करदाता के हित में जीएसटी अधिनियम में संशोधन करने जैसे महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।