(प्रतीकात्मक तस्वीर)
मुंबई: महाराष्ट्र विधानमंडल के मानसून सत्र में राज्य में हुई घटना-दुघर्टनाओं व अन्य के आंकड़े जारी किए जा रहे हैं। इसी सिलसिले में सोमवार को महाराष्ट्र के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री प्रकाश अबितकर ने बच्चों की मौत से जुड़े आंकड़े जारी किए। वहीं मराठवाड़ा क्षेत्र के 8 जिलों में किसानों की आत्महत्या के आंकड़े भी सामने आए।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री प्रकाश अबितकर ने बताया कि अप्रैल 2024 से फरवरी 2025 के बीच राज्य में 12,000 से अधिक बच्चों की मौत हुई है। विपक्ष और सत्ता पक्ष के 10 विधान परिषद सदस्यों (एमएलसी) ने सवाल पूछा कि क्या अप्रैल 2024 से फरवरी 2025 तक राज्य में 12,438 बच्चों की मौत हुई है।
विपक्षी सदस्यों ने यह भी पूछा कि क्या कोल्हापुर जिले में 11 नवजात शिशुओं सहित 1,736 बच्चों की मृत्यु हुई है। इस सवाल के लिखित जवाब में अबितकर ने ‘हां’ में उत्तर दिया। हालांकि, बच्चों की आयु या उनकी मृत्यु के कारणों का कोई ब्योरा नहीं दिया गया।
वहीं, एक अन्य सवाल का उत्तर देते हुए अबितकर ने बताया कि राजमार्गों के किनारे स्थित सरकारी अस्पतालों में 117 ट्रॉमा देखभाल इकाइयों को मंजूरी दी गई है, जिनमें से 78 चालू हैं। उन्होंने कहा कि 39 ट्रॉमा देखभाल इकाइयों का निर्माण कार्य पूरा करने का काम जारी है।
मराठवाड़ा क्षेत्र के 8 जिलों में इस साल जनवरी महीने से 26 जून तक 520 किसानों ने आत्महत्या की है। यह संख्या पिछले साल इसी अवधि में दर्ज आत्महत्या के 430 मामलों से 20 प्रतिशत अधिक है। राज्य के राजस्व विभाग की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
मध्य महाराष्ट्र क्षेत्र में बीड जिले में आत्महत्या की सर्वाधिक घटनाएं हुईं जहां पहली छमाही में 126 किसानों ने अपना जीवन समाप्त कर लिया। रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में जनवरी से जून के बीच मराठवाड़ा के 8 जिलों में 430 किसानों ने आत्महत्या की थी, जबकि वर्ष 2025 की समान अवधि में इस क्षेत्र के 520 किसानों ने आत्महत्या की। इस प्रकार किसानों की आत्महत्या के मामलों में लगभग 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
क्रमांक | जिला | मौतों की संख्या |
---|---|---|
1 | बीड | 126 |
2 | छत्रपति संभाजीनगर | 92 |
3 | नांदेड़ | 74 |
4 | परभणी | 64 |
5 | धाराशिव | 63 |
6 | लातूर | 38 |
7 | जालना | 32 |
8 | हिंगोली | 31 |
रिपोर्ट में कहा गया कि जनवरी-जून 2024 के दौरान भी मराठवाड़ा क्षेत्र में आत्महत्या के सर्वाधिक मामले बीड जिले में ही थे, जब 101 किसानों ने अपनी जिंदगी समाप्त कर ली।
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इसमें कहा गया कि इस वर्ष मुआवजा योग्य 313 मामलों में से 264 में प्रभावित परिवारों को अनुग्रह राशि दी गई है, जबकि 146 मामले पड़ताल के दायरे में हैं। रिपोर्ट के अनुसार, 61 मामले मुआवजे के लिए अयोग्य पाए गए, जो पिछले साल जनवरी-जून में हुए 20 ऐसे ही मामलों से तीन गुना अधिक है।