शक्तिपीठ एक्सप्रेसवे को हरी झंडी
मुंबई: समृद्धि महामार्ग के बाद अब राज्य सरकार ने शक्तिपीठ महामार्ग बनाने पर अपना पूरा ध्यान केंद्रित कर दिया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्ववाली महायुति सरकार की मुंबई मंत्रालय में मंगलवार को कैबिनेट बैठक हुई। इस बैठक में 3.5 शक्तिपीठों, 2 ज्योतिर्लिंगों और पंढरपुर अंबाजोगाई समेत 18 तीर्थ स्थलों को जोड़ने वाले शक्तिपीठ महामार्ग परियोजना की डिजाइन और भूमि अधिग्रहण के लिए कैबिनेट ने 20,787 करोड़ की मंजूरी दे दी है। परियोजना का क्रियान्वयन निगम के माध्यम से किया जाएगा।
महाराष्ट्र शक्ति पीठ महामार्ग मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है। शक्तिपीठ महामार्ग राज्य के 12 जिलों (वर्धा, यवतमाल, हिंगोली, नांदेड़, परभणी, बीड, लातूर, धाराशिव, सोलापुर, सांगली, कोल्हापुर और सिंधुदुर्ग) को जोड़ेगा। आगे इसे गोवा-महाराष्ट्र सीमा पर कोंकण एक्सप्रेसवे से जोड़ने की सरकार की योजना है।
पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
शक्तिपीठ महामार्ग महाराष्ट्र के शक्ति पीठों को जोड़ने का एक प्रयास है। इसके माध्यम से पर्यटन, परिवहन और ग्रामीण विकास को प्राप्त करने का लक्ष्य सरकार ने निर्धारित किया है। शक्तिपीठ महामार्ग राज्य के प्रमुख शक्ति पीठों माहुर, तुलजापुर और कोल्हापुर के साथ-साथ अंबाजोगाई तीर्थ स्थलों को भी जोड़ेगा। साथ ही, अंबाजोगाई में स्थित प्राचीन मराठी कवि मुकुंदराज स्वामी, जोगाई देवी और 12 ज्योतिर्लिंगों में से 2 औंधानागनाथ और परली वैजनाथ के साथ-साथ दत्त गुरुओं के धार्मिक स्थल कारंजा-लाड, अक्कलकोट, गंगापुर, नरसोबाची वाड़ी और औदुंबरा को भी जोड़ेगा।
802 किलोमीटर लंबा होगा महामार्ग
शक्ति पीठ महामार्ग (हाई स्पीड हाईवे) राज्य के पूर्व में पवनार (वर्धा जिला) से पश्चिम में पात्रा देवी (सिंधुदुर्ग जिला) तक महाराष्ट्र-गोवा सीमा को जोड़ेगा। यह एक्सप्रेसवे 802.592 किलोमीटर लंबा होगा। यह राजमार्ग नागपुर से गोवा की यात्रा की दूरी 18 घंटे से घटाकर 8 घंटे कर देगा। इस परियोजना के भूमि अधिग्रहण के लिए हुडको द्वारा 12 हजार करोड़ रुपए का ऋण स्वीकृत किया गया है। इस निधि से लगभग 7,500 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की जाएगी। पूरी परियोजना को महाराष्ट्र सड़क विकास निगम द्वारा क्रियान्वित किया जाएगा।