मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का ऐलान हो चुका है। चुनाव एक चरण में 20 नवंबर को होना है। वहीं चुनाव परिणाम 23 नवंबर को आएगा। इसके लिए सभी राजनीतिक दलों ने कमर पहले से ही कस ली है। सीट बंटवारे को लेकर महायुति-महाविकास अघाड़ी में शामिल होने वाले दलों ने भीतर ही भीतर सीटें भी तय कर ली है।
288 विधानसभा क्षेत्र वाले इस राज्य में चुनाव प्रक्रिया शांति पूर्ण तरीके से हो इसके लिए चुनाव आयोग ने शासन-प्रशासन को दिशा- निर्देश दे दिया है। वहीं बीजेपी अपने 99 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट भी जारी कर चुका है। कांग्रेस अब तक 99 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर चुकी है। NCP अजित पवार ने 49 कैंडिडेट और NCP शरद पवार 76 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की है। वहीं उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना ने 80 उम्मीदवारों और शिंदे गुट की शिवसेना 65 प्रत्याशियों की लिस्ट जारी की है।
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ऐसे में सभी क्षेत्रीय दल से लेकर राष्ट्रीय दल जीत के लिए जनता के द्वार पहुंच रहे हैं। अब जनता किसे अपना नेता चुनेगी ये तो चुनाव परिणाम के बाद ही पता चलेगा। लेकिन किस विधानसभा में किस पार्टी के उम्मीदवार को जनता ने अपना नेता चुना है, और आगे किस पार्टी के उम्मीदवार को अपना नेता चुनेगी। इसके लिए नवभारत की टीम आपके लिए बारी-बारी से हर विधानसभा सीट का समीकरण आपके सामने पेश करेगा, जिससे आपको जानने में सहूलियत होगी कि जनता का मूड क्या होगा। आज हम आपके लिए दिग्रस विधानसभा सीट का समीकरण लेकर उपस्थित हुए हैं।
यूं तो दिग्रस विधानसभा सीट 1952 से ही है। महाराष्ट्र और गुजरात का विभाजन के पहले बंबई राज्य में आता था। हालांकि बंबई राज्य के विभाजन के बाद से ये विधान सभा सीट पूरी तरह से महाराष्ट्र का हिस्सा बनी। इस हिसाब से महाराष्ट्र में ये सीट पहली बार 1962 से अस्तित्व में है। दिग्रस विधानसभा क्षेत्र यवतमाल जिला और यवतमाल-वाशिम लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का एक खंड है।
1952 से अब तक इस सीट पर कुल 15 बार चुनाव हुआ है। वहीं 1962 से 13 बार चुनाव हुआ। वैसे यहां सबसे ज्यादा 8 बार कांग्रेस ने जीत हासिल की है। वहीं 4 बार जीत कर शिवसेना दूसरे नंबर पर है। वहीं इस सीट पर 3 बार निर्दलीय उम्मीदवार जीत का परचम लहरा चुका है।
चुनाव साल | उम्मीदवारों के नाम | चुनाव पार्टी का नाम |
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1952 | अलीहसन जीवाभाई ममदानी | कांग्रेस |
1957 | माधोराव बाबूराव महिन्द्रे | कांग्रेस |
1962 | के.डी. महिंदरे | कांग्रेस |
1967 | के.डी. महिंदरे | कांग्रेस |
1972 | उत्तमराव देवराव पाटिल | कांग्रेस |
1978 | नानाभाऊ नारायणराव येम्बद्वार | निर्दलीय |
1980 | नानाभाऊ नारायणराव येम्बद्वार | कांग्रेस |
1985 | नानासाहेब सूर्यभानजी ताजणे | कांग्रेस |
1990 | प्रतापसिंग रामसिंग | कांग्रेस |
1995 | श्रीकांत वामनराव मुंगीनवार उर्फ बालासाहेब मुंगीनवार | शिव सेना |
1999 | संजय देशमुख | निर्दलीय |
2004 | संजय देशमुख | निर्दलीय |
2009 | संजय राठौड़ | शिव सेना |
2014 | संजय राठौड़ | शिव सेना |
2019 | संजय राठौड़ | शिव सेना |
अगर ऊपर लिखे आंकड़ों पर गौर फरमाएं तो, हम देख पाएंगे कि दिग्रस विधानसभा क्षेत्र में जनता ने सबसे ज्यादा बार कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार को चुना है। इस सीट की हिस्ट्री देखें तो 1952 के बाद बार विधानसभा चुनाव हुआ है, जिसमें से 8 बार कांग्रेस के उम्मीदवार को अपना विधायक चुना। वहीं चार बार शिवसेना जीत चुकी है ध्यान देने वाली बात है कि पिछले तीन चुनावों से शिवसेना ही यहां पर जीत दर्ज कर रही है। वैसे दिग्रस विधानसभा चुनाव की हिस्ट्री देखें तो कांग्रेस की इस सीट पर अच्छी पकड़ रही है। इस चुनाव में कांग्रेस को फायदा मिल सकता है और दूबारा सीट पर वापसी का सकती है। क्योंकि अब शिवसेना में दो फाड़ हो चुके हैं। तो ऐसे में कांग्रेस के पास एक बार फिर से मौका भुना सकती है। हालांकि 2024 विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद ही पता चल सकेगा कि जनता का आखिर मूड क्या था।