महादेवी हथिनी विवाद (फोटो सोर्स-सोशल मीडिया)
The ‘Mahadevi elephant’ controversy End, Declared Raju Shetti: कोल्हापुर की महादेवी हथिनी को लेकर चल रहे विवाद के लगभग समाप्त होने की घोषणा स्वाभिमानी पक्ष के अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद राजू शेट्टी ने शुक्रवार को की है। उन्होंने बताया कि महादेवी हथिनी को लेकर जो विवाद खड़ा हुआ था, वह अब लगभग खत्म हो गया है। वनतारा प्रशासन को महादेवी पर जो उपचार वनतारा में करने थे, उन्होंने अब नांदणी मठ के आसपास एक केंद्र बनाकर वह उपचार करने का आश्वासन दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने नांदणी मठ की महादेवी हथिनी को गुजरात के वनतारा वन्यजीव अभयारण्य में स्थानांतरित करने का आदेश दिया था। इसके बाद महादेवी को वनतारा भेजा गया था, लेकिन इस फैसले के खिलाफ कोल्हापुर में व्यापक जनआक्रोश हुआ। हजारों लोगों ने सड़क पर उतरकर इस निर्णय का विरोध किया। अंततः सरकार ने जनसरोकार को देखते हुए हस्तक्षेप कर मामले का समाधान निकाला।
इसके बाद वनतारा के मालिक अंबानी परिवार ने विवाद को सुलझाने के लिए पहल की। इसी संदर्भ में राजू शेट्टी ने घोषणा की, कि सुप्रीम कोर्ट में महाराष्ट्र सरकार, वनतारा प्रशासन और नांदणी मठ मिलकर एक याचिका दाखिल करेंगे।
इस याचिका के माध्यम से कोर्ट को बताया जाएगा कि नांदणी की महादेवी हथिनी को वहीं उचित और बेहतर चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसलिए इस विवाद को अब लगभग समाप्त माना जा सकता है।
कोल्हापुर के एक गांव नांदणी में जैन मठ है। इसी मठ में महादेवी नाम की हथिनी को 1992 में लाया गया था। वहीं हथिनी के वनतारा जाने के विरोध का नेतृत्व स्वाभिमानी शेतकारी संगठन के प्रमुख और पूर्व सांसद राजू शेट्टी कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि पिछले 700 सालों से जैन में मठ में हाथी पालने की परंपरा है। पहले के एक बुर्जुग के मुताबिक इस हथिनी का पूरे कोल्हापुर में रुतबा था।
महादेवी रोज मठ से बाहर निकलकर ‘फेर-फटका’ लगाती थी। लोग इस फटके को शुभ मानते थे। हथिनी की इस परंपरा से लोगों का काफी लगाव था। उसे देखते ही लोग कहने लगते थे…देखो- ‘नादणी की महादेवी’ आ गई।
हथिनी विवाद को लेकर लोगों ने बनाई जियो से दूरी
हथिनी को वापस लाने के लिए कोल्हापुर के लोगों ने आंदोलन छेड़ा हुआ है। इस आंदोलन के निशाने पर आ गई है रिलायंस की टेलीकॉम कंपनी जियो, जिसके बॉयकॉट की मुहिम तेजी से चल पड़ी है। ऐसा दावा किया जा रहा है कि, बड़ी संख्या में लोग हथिनी के समर्थन में जियो कनेक्शन से दूरी बना रहे और दूसरी टेलीकॉम कंपनी में पोर्ट करा रहे हैं।