मंत्री पंकजा मुंडे व मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे (सोर्स: सोशल मीडिया)
जालना: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के बाद एक बार फिर से मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने 25-26 जनवरी की दरमियानी रात से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी है। जरांगे की भूख हड़ताल का सोमवार को तीसरा दिन है। इस बीच मंत्री पंकजा मुंडे के बयान पर मनोज जरांगे ने प्रतिक्रिया दी है।
मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने कहा है कि उनकी अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल में कोई भी शामिल हो सकता है। जरांगे की यह टिप्पणी महाराष्ट्र की मंत्री पंकजा मुंडे द्वारा एक दिन पहले दिए गए उस बयान के बाद आई है जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें अंतरवाली सराटी गांव में भूख हड़ताल स्थल पर जाने में कोई समस्या नहीं है ‘‘बशर्ते वहां अनुकूल और मैत्रीपूर्ण माहौल हो।”
भाजपा नेता पंकजा मुंडे जालना जिले की प्रभारी मंत्री हैं, जो मराठों को अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणी के तहत नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण दिलाने की मांग वाले आंदोलन का केंद्र है।
मंत्री पंकजा मुंडे के बयान के बारे में मीडिया द्वारा पूछे जाने पर जरांगे ने कहा कि ‘‘मैं न तो जातिवादी हूं और न ही आतंकवादी। मेरी किसी से कोई दुश्मनी नहीं है। यह शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन है और यहां किसी का भी स्वागत है।”
बता दें कि महाराष्ट्र की पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्री व जालना की पालकमंत्री पंकजा मुंडे ने रविवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा था कि मैं मनोज जरांगे को संदेश देना चाहूंगी और अगर वह सकारात्मक जवाब देते हैं, तो मैं उनसे मिलने जाऊंगी।
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उन्होंने कहा कि “मैंने हमेशा संविधान के दायरे में रहकर किए जाने वाले विरोध प्रदर्शनों का समर्थन किया है। मैं उनके विरोध प्रदर्शन का सम्मान करती हूं और उनसे मिलने की इच्छा व्यक्त की है, बशर्ते विरोध स्थल पर अनुकूल और मैत्रीपूर्ण माहौल सुनिश्चित किया जाए।”
मराठा समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के तहत शिक्षा और नौकरियों में आरक्षण देना मनाेज जरांगे की मुख्य मांग है। इसके लिए सरकार से मराठा समुदाय को कुनबी के रूप में मान्यता देने के लिए तैयार ड्राफ्ट नोटिफिकेशन को लागू करने की मांग भी मनोज जरांगे कर रहे है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)