प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स:सोशल मीडिया )
Chhatrapati Sambhajinagar News In Hindi: जालना जिले में मेडिकल स्टोर्स पर बिना डॉक्टर की पर्ची गर्भपात की दवाओं की खुलेआम बिक्री ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए है। अवैध दवाइयों से होने वाले गैरकानूनी गर्भपात, भ्रूण हत्या और महिलाओं के जीवन पर मंडराते खतरे ने स्वास्थ्य व्यवस्था की लापरवाही को साफ उजागर कर दिया है। हाल ही में सामने आए मामलों से जानकार इसे लेकर चिंता व्यक्त कर रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार, स्वास्थ्य विभाग और औषधि प्रशासन की नियमित निगरानी न होने का फायदा उठाकर कुछ मेडिकल स्टोर्स मामूली लाभ के लिए गर्भपात की प्रतिबंधित दवाओं और इंजेक्शनों की अवैध बिक्री कर रहे हैं। हालांकि, भ्रूण हत्या रोकने के लिए सरकार व्यापक प्रयास कर रही है, पर यह कहना गलत नहीं होगा कि खतरनाक दवाओं की अनियंत्रित बिक्री सरकारी प्रयासों को कमजोर कर रही है।
हाल ही में भोकरदन क्षेत्र में अवैध गर्भ लिंग जांच केंद्र का भंडाफोड़ किया गया। इस दौरान गर्भपात के लिए उपयोग की जाने वाली दवाओं की अवैध बिक्री में शामिल मेडिकल संचालकों पर भी कार्रवाई की गई। इससे पहले भी भोकरदन के एक अस्पताल पर छापेमारी में गर्भपात की दवाओं का अवैध भंडार जब्त किया गया था।
विशेषज्ञ डॉक्टरों के अनुसार, इन दवाओं के गलत उपयोग से अत्यधिक रक्तस्राव, तेज दर्द, उल्टियां व डायरिया, रक्त के थक्के बनना, मस्तिष्क में थक्का पहुंचने पर कैंसर का खतरा व कई मामलों में स्थायी वंध्यत्व जैसी जटिलताएं उत्पन्न हो सकती है। घर पर स्वयं गर्भपात करने की प्रवृत्ति कई महिलाओं के स्वास्थ्य को गंभीर रूप से खतरे में डाल रही है।
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जिले 2,300 मेडिकल स्टोर संचालित हो रहे है, नशीली और प्रतिबंधित दवाओं के स्टॉक की भी लगातार जांच की जाती है। डॉक्टर की पर्ची के बिना एमटीपी किट की बिक्री पूर्णतः अवैध है। यदि किसी मेडिकल स्टोर पर गर्भपात की दवाओं की अवैध रूप से बिक्री पाई गई, तो उसका लाइसेंस रद्द किया जाएगा।
सहायक आयुक्त, अन्न एवं औषधि प्रशासन विभाग – जीवन जाधव