छत्रपति संभाजी नगर (सौ. सोशल मीडिया )
Dhangar Community Demands Resservation: धनगर समाज को एसटी आरक्षण देने की मांग को लेकर जालना में आमरण भूख हड़ताल पर बैठे दीपक बोरहाडे से शनिवार को राज्य सरकार का प्रतिनिधिमंडल मिला।
इस अवसर पर पालकमंत्री एवं पर्यावरण मंत्री पंकजा मुंडे तथा जलसंपदा व आपत्ति व्यवस्थापन मंत्री गिरीष महाजन ने बोरहाडे की तबीयत की जानकारी ली और उनसे भूख हड़ताल समाप्त करने की अपील की।
इस चर्चा के दौरान विधायक अर्जुनराव खोतकर, बबनराव लोणीकर, नारायण कुचे, संतोष दानवे, हिकमत उढाण, जिलाधिकारी आशिमा मित्तल व जिला पुलिस अधीक्षक अजयकुमार बंसल भी उपस्थित रहे। पालकमंत्री पंकजा मुंडे ने कहा कि दीपक बोरहाडे की तबीयत लगातार बिगड़ती जा रही है। धनगर समाज की मांगें संवेदनशील हैं और शासन इस पर सकारात्मक दृष्टिकोण रखता है।
उन्होंने अपील की कि बौरहाडे भूख हड़ताल छोड़कर अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ मुंबई जाकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से चर्चा करें, वहीं, मंत्री गिरीष महाजन ने कहा कि धनगर समाज का आरक्षण विषय वर्षों से लंबित है और यह मामला वर्तमान में सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन है। सरकार लगातार प्रयासरत है, लेकिन कुछ कानूनी अड़चनों के कारण प्रक्रिया में विलंब हो रहा है। उन्होंने बोरहाड़े से आग्रह किया कि समाज के महत्वपूर्ण प्रश्न का हल बातचीत से ही संभव है।
इसलिए उन्हें भूख हड़ताल छोड़कर संवाद के लिए आगे आना चाहिए, चचर्चा के बाद पंकजा मुंडे व गिरीष महाजन ने दीपक वो “बोरहाडे की मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से फोन पर बातचीत भी कराई। मुख्यमंत्री फडणवीस ने आश्वासन दिया कि राजा सरकार धनगर समाज की आरक्षण दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है और इस संबंध में कानूनी प्रक्रिया पूरी की जा रही है। उन्होंने धीरहाडे को मुंबई आकर प्रत्यक्ष चर्चा करने का निमंत्रण भी दिया।
धनगर समाज को संवैधानिक रूप से एसटी आरक्षण दिलाने की मांग को लेकर आंदोलन तेज हो गया है। इसी क्रम में शनिवार को सकल धनगर समाज की ओर से कृष्णा गायके नामक युवक ने अपने ही रक्त से मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखकर भेजा।
ये भी पढ़ें :- Sambhaji Nagar में जोरदार बारिश: शहर के 11 इलाकों में जलभराव, 2 पेड़ गिरकर रास्ता बाधित
पत्र में चेतावनी दी गई है कि यदि सरकार ने धनगर समाज के संवैधानिक आरक्षण को तुरंत लागू नहीं किया तो आंदोलन और उग्र होगा। समाज की ओर से कहा गया कि आगामी दिनों में “रास्ते पर खून बहाने” के साथ-साथ आवश्यकता पड़ने पर जिलाधिकारी कार्यालय और मंत्रालय में मेंढर (भेड़े) छोड़ने जैसे कदम भी उठाए जाएंगे। इस अवसर पर कृष्णा गायके के साथ गोविंद मदनूरे, कृष्णा बकाल, राम जोशी, अंकुश आहिंदे, शुभम खडेकर, दत्ता जोशी, विठ्ठल गायकवाड, जालू सोलट और बाळू कुरधने सहित अन्य कार्यकर्ता उपस्थित थे।