जलगांव : रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के जवान 24 घंटे सतर्कता से न केवल रेलवे संपत्तियों (Railway Properties) की सुरक्षा करते हैं, बल्कि ड्यूटी पर तैनात अन्य रेल कर्मचारियों की मदद से रेलवे यात्रियों (Railway Passengers) की जान भी बचाने में सदैव अग्रणी रहते है। मध्य रेलवे (Central Railway) के आरपीएफ कर्मियों (RPF Personnel) ने “मिशन जीवन रक्षक” के तहत जनवरी से मई 2022 तक मध्य रेलवे पर अब तक 31 लोगों की जान बचाई है, और कभी-कभी तो इस कार्य में उन्होंने अपनी जान जोखिम में डालकर इस प्रकार के साहसिक कार्यों को अंजाम दिया है। जीवन रक्षा करने वाली इन घटनाओं के कुछ दृश्य प्रिंट और इलेक्ट्रोनिक मीडिया में बहुत चर्चित हुए हैं और ये सोशल मीडिया पर खूब वायरल भी हुए हैं।
इन 31 घटनाओं में से अकेले मुंबई मंडल में जीवनरक्षक घटनाओं के 16 मामले दर्ज किए गए। भुसावल और नागपुर मंडल में जीवन रक्षक घटनाओं के प्रत्येक में 6-6 मामले सामने आए हैं। पुणे मंडल पर 2 जीवनरक्षक घटना के मामले और सोलापुर मंडल में जीवन रक्षक घटना का एक मामला दर्ज किया गया है। वर्ष 2021 के दौरान भी मध्य रेल के आरपीएफ कर्मियों ने 52 यात्रियों की जान बचाई, जिनमें से 35 मामले मुंबई मंडल पर ही दर्ज किए गए।
रेलवे सुरक्षा बल के इन जवानों को विभिन्न सुरक्षा चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। जैसे यात्रियों और रेलवे संपत्तियों के विरुद्ध होने वाले अपराध, चरमपंथी हिंसा, ट्रेन की आवाजाही में बाधा, लापता बच्चों को छुड़ाना और ट्रेनों और रेलवे परिसर में नशीले पदार्थ जब्त करना, यात्रियों के सामान की बरामदगी आदि। वे यात्रियों की सुरक्षा पर भी कड़ी नजर रखते हैं।
ज्यादातर मामलों में सतर्क आरपीएफ ने उन यात्रियों की जान बचाई है, जो कभी-कभी लापरवाही करते हैं और चलती ट्रेनों में चढ़ते या उतरते समय खतरे का सामना करते हैं। कई बार व्यक्तिगत कारणों से आत्महत्या का प्रयास करते हुए लोगों की जान बचाई गई है। लेकिन अंत में, जीवनरक्षकों के इस कार्य का परिणाम आरपीएफ कर्मियों के प्रति आभार, और कृतज्ञता जो शब्दों से परे है। यात्रियों के परिजनों द्वारा-द्वारा प्रकट किया जाता है ।