मौत के मुह में कूदे लोग! जलगांव में कैसे हो गई 12 की मौत, जानें हादसे से जुड़ी सभी बातें
नवभारत डेस्क: महाराष्ट्र के जलगांव जिले में बुधवार शाम को लखनऊ से मुंबई जा रही पुष्पक एक्सप्रेस में सवार यात्री अचानक आग की अफवाह के बाद पटरी पर उतरे और विपरीत दिशा से आ रही दूसरी ट्रेन की चपेट में आ गए। इस दौरान 12 यात्रियों की मौत हो गई है। इस घटना पर प्रधानमंत्री मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने दुख जताया है। इस हादसे में मारे गए लोगों के लिए मुआवजा देने का भी सरकार द्वारा ऐलान किया गया है।
अधिकारियों ने कहा कि ये हादसा उस समय हुआ जब लखनऊ से मुंबई जा रही पुष्पक एक्सप्रेस (12533) में सवार यात्री आग लगने की डर से जल्दबाजी में बगल की पटरियों पर कूदने लगे। इस दौरान बेंगलुरु से दिल्ली जा रही कर्नाटक एक्सप्रेस की चपेट में आ गए। इस हादसे में कुल 15 से ज्यादा यात्री घायल भी हुए हैं।
ये हादसा उत्तर महाराष्ट्र के जलगांव जिले के पचोरा कस्बे के नजदीक माहेजी और परधाड़े स्टेशन के बीच हुआ। शाम लगभग 4.45 बजे किसी ने पुष्पक ट्रेन की इमरजेंसी चेन खींच दी, इसके बाद ट्रेन रुक गई। हालांकि रेलवे बोर्ड के सूचना और प्रचार विभाग के कार्यकारी निदेशक दिलीप कुमार ने इस बात से इनकार किया कि डिब्बे के अंदर किसी चिनगारी या फिर आग की वजह से यात्रियों ने अलार्म बजाया।
सीएम फडणवीस ने कहा कि हमें जो सूचना मिली है उसके अनुसार कोच में कोई चिंगारी या आग नहीं देखी गई। स्विटजरलैंड के दावोस से एक वीडियो मैसेज में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि ट्रेन में कुछ यात्रियों ने गलती से मान लिया कि ट्रेन से धुआं निकल रहा है और वे कूद गए। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से वे दूसरी ट्रेन की चपेट में आ गए।
फडणवीस ने इस हादसे में मारे गए यात्रियों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है। रेलवे बोर्ड ने अलग से मृतकों के परिजनों को डेढ़-डेढ़ लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों को 50-50 हजार रुपये और मामूली रूप से घायल लोगों के लिए 5,000 रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है।
जलगांव के जिला सूचना अधिकारी युवराज पाटिल के अनुसार, इस हादसे में 12 यात्रियों की मौत हो गई और 15 अन्य घायल हो गए हैं। रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि पुष्पक एक्सप्रेस केवल 15 मिनट में ही घटनास्थल से रवाना हो गई, वहीं कर्नाटक एक्सप्रेस को दुर्घटना के 20 मिनट के भीतर ही वहां से हटा दिया गया।
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जलगांव में हुए इस हादसे के पीछे की क्या कारण था, इसकी जांच रेलवे सुरक्षा आयुक्त करेंगे। सीआरएस (सेंट्रल सर्किल) मनोज अरोड़ा ने कहा कि वह गुरुवार को घटनास्थल पर पहुंचेंगे। उसके बाद ट्रेन के चालक दल, यात्रियों तथा प्रत्यक्षदर्शियों के बयान दर्ज किए जाएंगे। उन्होंने आगे कहा कि हम यात्रियों और अन्य प्रत्यक्षदर्शियों को आमंत्रित करेंगे। वो दुर्घटना के बारे में अपना बयान दे सकते हैं।