नवाब मलिक और समीर वानखेड़े (सोर्स: सोशल मीडिया)
मुंबई: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के नतीजे बुधवार को आएंगे। लेकिन राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता नवाब मलिक की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। चुनाव से पहले टिकट को लेकर नवाब मलिक को काफी मश्क्कत करनी पड़ी थी। अब रिजल्ट आने से पहले एक और मुसीबत उनके सिर पर आ गई है। आईआरएस अधिकारी समीर वानखेड़े ने नवाब मलिक के खिलाफ उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की है। इससे मलिक की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता नवाब मलिक के खिलाफ उत्पीड़न मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) जैसी स्वतंत्र एजेंसी से कराने के लिए बंबई उच्च न्यायालय का रुख किया है।
कर सेवा महानिदेशालय में अतिरिक्त आयुक्त एवं महार अनुसूचित जाति से आने वाले समीर वानखेड़े ने अपनी याचिका में आरोप लगाया कि मामले में पुलिस की निष्क्रियता के कारण उन्हें और उनके परिवार को मानसिक प्रताड़ना और अपमान झेलना पड़ा।
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आईआरएस अधिकारी समीर वानखेड़े ने अगस्त 2022 में गोरेगांव पुलिस में मलिक के खिलाफ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत शिकायत दर्ज कराई थी।
समीर वानखेड़े ने शिकायत में आरोप लगाया था कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता नवाब मलिक ने साक्षात्कारों और सोशल मीडिया पर वानखेड़े और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ जाति आधारित अपमानजनक टिप्पणी की। शिकायत में कहा गया कि इस मामले में नवाब मलिक को न तो गिरफ्तार किया गया है और न ही आज तक आरोपपत्र दाखिल किया गया है।
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20 नवंबर को बंबई उच्च न्यायालय में दायर याचिका में समीर वानखेड़े ने दावा किया कि पुलिस ने अभी तक इस मामले की जांच नहीं की है। उन्होंने मामले को जांच के लिए सीबीआई को सौंपने का अनुरोध किया। आईआरएस अधिकारी ने अदालत की निगरानी में जांच कराने का अनुरोध किया। याचिका पर 28 नवंबर को सुनवाई होने की संभावना है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)