मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (फाइल फोटो: पीटीआई)
नागपुर. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे समेत पांच लोगों को हाई कोर्ट ने नोटिस जारी किया है। दरअसल, अवैध निर्माण के साथ ही अवैध कब्जादारों को भी हटाने के हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद सरकार के पास अपील दायर करने पर नगर विकास विभाग के मंत्री के रूप में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अवैध कब्जादारों को हटाने पर रोक लगा दी। हाई कोर्ट के समक्ष सुनवाई के लिए आए मामले पर गंभीरता जताते हुए कोर्ट ने मुख्यमंत्री सहित नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव, मेलघाट से विधायक राजकुमार पटेल, यवतमाल जिलाधिकारी और यवतमाल नगर परिषद के सीईओ को नोटिस जारी कर जवाब दायर करने के आदेश दिए। पांडुरंग टोंगे की ओर से इस मामले को लेकर हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। याचिकाकर्ता की अधि. मोहित खजांची और सरकार की अतिरिक्त सरकारी वकील उके ने पैरवी की।
-नगर परिषद वणी ने सरकार द्वारा आवंटित भूमि पर शॉपिंग कॉम्प्लेक्स का निर्माण किया।
-26 मार्च 2014 को हाई कोर्ट ने एक याचिका पर शापिंग काम्प्लेक्स से अवैध कब्जादारों को हटाने के आदेश दिए थे।
-6 नवंबर 2014 को यवतमाल जिलाधिकारी ने न केवल अवैध कब्जादारों बल्कि अवैध निर्माण हटाने के भी आदेश दिए थे।
-जिलाधिकारी ने अवैध कब्जादारों के अधिकार की दूकानों की नीलामी करने के भी आदेश दिए।
-18 मई 2015 को पुनर्विचार अर्जी भी जिलाधिकारी ने ठुकरा दी।
-वर्ष 2019 में हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई। गांधी चौक गालेधारक संगठन की ओर से रिट याचिका वापस लिए जाने के कारण जनहित याचिका का भी निपटारा कर दिया गया। याचिकाकर्ताओं को सरकार के पास लंबित याचिका को लेकर कोशिशें जारी रखने की स्वतंत्रता प्रदान की गई।
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सुनवाई के दौरान कोर्ट का ध्यानाकर्षित करते हुए बताया गया कि मेलघाट के विधायक राजकुमार पटेल और मूर्तिजापुर नगर परिषद के पूर्व अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर कब्जादारों को हटाने की प्रक्रिया पर रोक लगाने का अनुरोध किया जिसके आधार पर 15 मार्च 2024 को मुख्यमंत्री की ओर से शॉपिंग ब्लाक की नीलामी पर रोक लगा दी गई।
सुनवाई के दौरान अधि. खजांची ने कहा कि जिलाधिकारी और हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद यवतमाल नगर परिषद द्वारा निर्मित शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के इस मामले से विधायक और पूर्व अध्यक्ष का दूर-दूर तक संबंध नहीं था। फिर भी मुख्यमंत्री से अनुरोध किया गया। यहां तक कि बिना कोई कारण दिए सरकार ने रोक लगाने के आदेश भी जारी कर दिए।
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