शिपिंग महानिदेशक श्याम जगन्नाथन ने राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को स्मृति चिन्ह व एक कॉफी टेबल बुक भेंट की (सोर्स: एक्स@maha_governor)
मुंबई: महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने सोमवार को कहा कि वर्ष 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए समुद्री क्षेत्र का समग्र विकास बेहद जरूरी है। समुद्री व्यापार क्षेत्र द्वारा मनाए गए 62वें राष्ट्रीय समुद्री दिवस और मर्चेंट नेवी सप्ताह के उद्घाटन के अवसर पर राजभवन में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने याद दिलाया कि दुनिया का 90 प्रतिशत व्यापार अभी भी समुद्र के रास्ते ही होता है। समुद्री व्यापार भारतीय व्यापार और अर्थव्यवस्था की रीढ़ है।
मुंबई में राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन की मुख्य उपस्थिति में आज 62वें राष्ट्रीय समुद्री दिवस और मर्चेंट नेवी सप्ताह का उद्घाटन राजभवन में हुआ। इस अवसर पर, शिपिंग महानिदेशक श्याम जगन्नाथन ने राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन के जैकेट पर राष्ट्रीय समुद्री दिवस ध्वज की प्रतिकृति लगाई और एक स्मृति चिन्ह व एक कॉफी टेबल बुक भेंट की।
कार्यक्रमाला नौवहन महासंचालनालयाचे मुख्य सर्वेक्षक व अतिरिक्त महासंचालक अजित सुकुमारन, उपमहासंचालक पांडुरंग राऊत, शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडियाचे अध्यक्ष कॅप्टन बी के त्यागी, मुख्य जहाज सर्वेक्षक प्रदीप सुधाकर, आदी उपस्थित होते. pic.twitter.com/vpsKxrimED
— Governor of Maharashtra (@maha_governor) March 31, 2025
राज्यपाल ने कहा कि शताब्दियों पहले, समुद्री व्यापार क्षेत्र में भारत का बहुत प्रभुत्व था। सम्राट राजेंद्र चोल के पास एक शक्तिशाली नौसेना थी और अपने काल में उन्होंने इंडोनेशिया, कंबोडिया, थाईलैंड, लाओस, बर्मा आदि देशों में व्यापार का विस्तार किया। छत्रपति शिवाजी महाराज ने नौसेना के महत्व को पहचाना और एक मजबूत नौसेना का निर्माण किया।
उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में अपना माल कम समय में गंतव्य तक पहुंचाना व्यापारियों के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती बन गई है। आज ग्राहक राजा है। इसलिए, समय पर कंटेनरों में भरे माल की लोडिंग और अनलोडिंग जरूरी हो गई है।
इस संबंध में राज्यपाल ने कहा कि शिपिंग निदेशालय और भारतीय शिपिंग निगम को कंटेनर कॉरपोरेशन, रेलवे और व्यापार संघों के साथ चर्चा करके समुद्री व्यापार क्षेत्र को आधुनिक बनाना चाहिए। राज्यपाल ने आशा व्यक्त की कि शिपिंग निदेशालय को व्यापार में बाधा उत्पन्न करने से पहले समस्याओं का आकलन करना चाहिए तथा प्रभावी उपाय करने चाहिए।
वाढवण बंदरगाह के पूरा होने के बाद विश्व के विभिन्न देशों के साथ भारत का व्यापार काफी बढ़ जाएगा। इसलिए, गवर्नर ने शिपिंग क्षेत्र से अपील की कि वे सिंगापुर, शंघाई और एम्स्टर्डम के बंदरगाहों का अध्ययन करें कि वाढवण बंदरगाह पर क्या सुविधाएं उपलब्ध होनी चाहिए और उसके अनुसार वहां आधुनिक सुविधाओं का निर्माण किया जाना चाहिए। राज्यपाल ने सभी से समुद्री प्रदूषण को कम करने के लिए हरित समुद्री परिवहन को बढ़ाने के प्रयास करने की भी अपील की।
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कार्यक्रम में शिपिंग महानिदेशालय के मुख्य सर्वेक्षक एवं अतिरिक्त महानिदेशक अजीत सुकुमारन, उप महानिदेशक पांडुरंग राउत, भारतीय शिपिंग निगम के अध्यक्ष कैप्टन बीके त्यागी, मुख्य जहाज सर्वेक्षक प्रदीप सुधाकर, उप महानिदेशक डॉ. सुधीर कोहाकड़े, उप समुद्री सलाहकार कैप्टन नितिन मुकेश, शिपिंग मास्टर मुकुल दत्ता, कैप्टन संकल्प शुक्ला, राष्ट्रीय नाविक संघ के महासचिव मिलिंद कंदलगावकर और अन्य उपस्थित थे।