समय पर नहीं हो रहा मरीजों का इलाज (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Ravanwadi News: शासकीय ग्रामीण अस्पताल रजेगांव में सरकार ने करोड़ों रु। खर्च कर अस्पताल का निर्माण कराया और इस अस्पताल में सभी स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराई लेकिन समय पर इस अस्पताल में नियुक्त चिकित्सक और अन्य कर्मचारी नहीं आते जिससे यह अस्पताल परिसर के नागरिकों के लिए शोपिस साबित हो रहा है। सभी सुविधाओं से सुसज्ज इस अस्पताल को वहां तैनात कर्मचारी ही ग्रहण लगा रहे हैं।
इस मौसम में मलेरिया, डेंगू, डाईफाईड आदि बीमारी से ग्रस्त नागरिक इलाज के लिए जाते हैं लेकिन अस्पताल में नियुक्त चिकित्सक नहीं होने से मरीजों का इलाज नहीं होता है। इसलिए मरीज निजी डाक्टर के पास जाने में अपनी भलाई समझते हैं। यह समस्या इस शासकीय अस्पताल में नियमित रहती है। जिस वजह से अब बीमारी से ग्रस्त मरीज अपना इलाज करने शहर की ओर रूख करते हैं।
शासकीय ग्रामीण अस्पताल रजेगांव में नियुक्त चिकित्सक अस्पताल में नहीं रहते जिस वजह से यदि कोई दुर्घटनाग्रस्त या अन्य बिमारी से ग्रस्त मरीज प्रथम उपचार के लिए इस अस्पताल में गया तो उसे बैरंग वापस जाना पड़ता है। वहीं चिकित्सक रात में उपलब्ध ही नहीं रहते हैं।
गोंडीटोला के सामाजिक कार्यकर्ता हरिश गजाकुर ने कहा कि इस अस्पताल में नियुक्त चिकित्सक और अन्य स्वास्थ्य कर्मचारियों पर स्वास्थ विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों का नियंत्रण नहीं है। जिस वजह से यह अस्पताल रामभरोसे चल रहा है। समय पर अस्पताल में चिकित्सक नहीं होने से मरीजों की जांच नहीं हो पाती और मरीज अन्य निजी अस्पताल में अपना इलाज करते हैं। अस्पताल में समय पर संबंधित विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा पहुंचकर लापरवाही बरतने वाले स्वास्थ कमचारियों पर कार्रवाई की जाए।
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मुरपार ग्रापं सदस्य कैलाश दाऊदसरे ने कहा कि डॉक्टर और अन्य स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए इस अस्पताल में रहने के लिए निवास का निर्माण किया गया है लेकिन अधिकांश कर्मचारी रहते ही नहीं। जिससे मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिलता।