टोना-टोटके का शक बना मौत की वजह (सौजन्यः सोशल मीडिया)
गोंदिया: एक शांत गांव की दोपहर अचानक चीखों और आंसुओं में डूब गई, जब शाम को बकरियां तो घर लौटीं… मगर उनका मालिक, एक मेहनतकश किसान, आसाराम कांबले कभी लौटकर नहीं आया। जंगल में मिला खून से सना शव देखकर परिवार टूट पड़ा। उनका कसूर बस इतना था कि किसी ने उन पर टोना-टोटका करने का बेबुनियाद शक कर लिया। यह दिल दहला देने वाली वारदात 17 जून को गोंदिया जिले के गोरेगांव क्षेत्र के हेतीटोला गांव में हुई।
55 वर्षीय आसाराम देवू कांबले रोज की तरह अपनी बकरियों को चराने पास के जंगल में गए थे। लेकिन देर शाम तक वापस न लौटने पर परिजनों को चिंता हुई। जब वे उनकी तलाश में निकले, तो जंगल में स्थित एक तालाब के पास उनका रक्तरंजित शव मिला। उनके सिर पर लोहे की कुल्हाड़ी से वार किया गया था, जो सीधे हत्या की ओर इशारा कर रहा था।
पुलिस जांच में जो सामने आया वह और भी चौंकाने वाला था। आरोपी की पहचान 24 वर्षीय देवेंद्र उर्फ भुरू चुन्नीलाल ताराम के रूप में हुई, जो मूल रूप से गांव का निवासी है लेकिन वर्तमान में हैदराबाद में रह रहा था।
उसने सिर्फ शक के आधार पर कि आसाराम उस पर टोना-टोटका करता है, इस बर्बर हत्या को अंजाम दिया। जानकारी के अनुसार, आरोपी इसी इरादे से हैदराबाद से गांव लौटा और जैसे ही उसे मौका मिला, जंगल में अकेले मिले किसान के सिर पर पीछे से कुल्हाड़ी से हमला कर दिया। वारदात के बाद वह फरार हो गया, लेकिन पुलिस ने उसे कुछ ही घंटों में दबोच लिया।
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जैसे ही घटना की जानकारी पुलिस अधीक्षक गोरख भामरे को मिली, उन्होंने तत्काल स्थानीय अपराध शाखा को सक्रिय किया। पुलिस निरीक्षक पुरुषोत्तम अहेरकर के मार्गदर्शन में तीन विशेष दल गठित किए गए। गुप्त सूचना के आधार पर जब एक संभावित ठिकाने पर छापा मारा गया, तो आरोपी वहां छिपा मिला। पूछताछ के दौरान उसने पहले भ्रम फैलाने की कोशिश की, लेकिन पुलिस की सख्ती के आगे टूट गया और अपना गुनाह कबूल कर लिया।
देवेंद्र ताराम के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। इस सफलता में स्थानीय अपराध शाखा के अधिकारियों और कर्मचारियों, सहायक पुलिस निरीक्षक धीरज राजुरकर, उपनिरीक्षक शरद सैंदाणे, हवलदार राजेंद्र मिश्रा, महेश मेहर, प्रकाश गायधने, इंद्रजीत बिसेन, सुनील डहाके, और अन्य पुलिसकर्मियों का अहम योगदान रहा।