प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स: सोशल मीडिया)
Smart Attendance Bot News: शालेय शिक्षा विभाग ने ‘स्मार्ट अटेंडेंस’ बॉट का इस्तेमाल अनिवार्य कर दिया है। लेकिन, शिक्षकों ने इस बॉट के कारण काम बढ़ने की आलोचना की है। 50,000 स्कूलों में परीक्षण के बावजूद, केवल 2,500 स्कूल ही इसका नियमित रूप से उपयोग कर रहे हैं।
दूरदराज के इलाकों में शिक्षकों को समय पर स्कूल पहुंचने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। जिससे शिक्षकों का समय बर्बाद हो रहा है। स्कूली शिक्षा को छात्रों को गुणवत्तापूर्ण और आनंददायक शिक्षा प्रदान करने की प्रयोगशाला बनाने वाले स्कूल शिक्षा विभाग ने अब शिक्षकों और स्कूलों के लिए एक महत्वपूर्ण परिपत्र जारी किया है।
इस परिपत्र के अनुसार, शिक्षकों को उपस्थिति दर्ज करने के लिए शालार्थ पोर्टल पर पंजीकृत मोबाइल फोन से डाउनलोड किए गए ‘स्विफ्ट चैट’ ऐप में ‘स्मार्ट अटेंडेंस’ बॉट का उपयोग करना अनिवार्य है।
2023 में ही इस संबंध में निर्देश देने और 50,000 स्कूलों में इस बॉट का सफलतापूर्वक परीक्षण करने के बावजूद, यह बात सामने आई है कि केवल 2,500 स्कूल ही इस प्रक्रिया को नियमित रूप से लागू कर रहे हैं।
विद्या समीक्षा केंद्र की शुरुआत शिक्षा क्षेत्र में डेटा संग्रह और विश्लेषण की प्रक्रिया को सरल बनाने और विभिन्न हितधारकों को एक ही मंच पर यह जानकारी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से की गई है।
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शिक्षा विभाग ने 1 अक्टूबर से गोंदिया जिले में ऑनलाइन उपस्थिति लेने के निर्देश दिए हैं। लेकिन जल्द ही इस बात की समीक्षा की जाएगी कि जिले के कितने स्कूल इन निर्देशों का पालन कर रहे हैं।
गोंदिया जिला परिषद प्राथमिक शिक्षाधिकारी सुधीर महामुनि ने कहा कि 1 अक्टूबर से ऑनलाइन अटेंडेंस लेने का पत्र जारी कर दिया गया है। अब शिक्षा विभाग यह निरीक्षण करेगा कि कितने स्कूल इसका पालन कर रहे हैं। सरकार द्वारा दिए गए आदेश का सभी स्कूलों में पालन किया जाएगा।