बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ (सोर्स: सोशल मीडिया)
Maharashtra News In Hindi: मुंबई उच्च न्यायालय ने सड़कों पर गड्डों के कारण होने वाली दुर्घटनाओं को लेकर राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया है। मुंबई हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने राज्य सरकार को गड्डों के कारण होने वाली दुर्घटनाओं के पीड़ितों या उनके परिजनों को मुआवजा देने के लिए नीति तैयार करने पर विचार करने का आदेश दिया है।
कोर्ट ने कहा है कि इन मामलों में ठेकेदारों को जिम्मेदार ठहराया जाए और संबंधित अधिकारियों के वेतन से जुर्माना वसूला जाए, न्यायालय ने गड्डों के कारण होने वाली दुर्घटनाओं को गंभीरता से लिया है और राज्य सरकार को पीड़ितों या उनके परिजनों को मुआवजा देने के लिए नीति बनाने का आदेश दिया है।
हाई कोर्ट की पीठ ने विभिन्न एजेंसियों द्वारा सड़क रखरखाव और गड्ढे भरने की जिम्मेदारी से बचने पर कड़ी नाराजगी जताई। नई बनी सड़कों पर फिर से गड्ढे क्यों हो जाते हैं? अगर गड्ढे में पानी जमा हो जाए, तो व्यक्ति गड्डा नहीं देख पाएगा।
इस मानसून में गड्डों के कारण कई लोगों की मौत हो गई। गोंदिया नगर पालिका के वकीलों ने दावा किया कि ये मौतें ट्रक चालकों या दोपहिया वाहन चालकों की लापरवाही के कारण हुई। न्यायालय ने इस पर नाराजगी जताई, दुर्घटना का मुख्य कारण गड्ढों से बचने के लिए वाहन चालकों का वाहन मोड़ना है। अधिकारियों के लापरवाही से होने वाली दुर्घटना का खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ता है।
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नगरपालिका और राज्य सरकार नागरिकों को सुविधाएं प्रदान करने में निष्क्रय हैं। सड़कों पर गड्डों की समस्या का समाधान अपेक्षित है। सड़क दुर्घटनाओं के कारण नागरिक अपनी जान गंवा देते हैं। न्यायालय ने उपस्थित नगर पालिका अधिकारियों को एक सप्ताह के भीतर अपने कार्यक्षेत्र में गड्ढों को भरने और ठेकेदारों को उनकी लापरवाही के लिए जिम्मेदार ठहराने का निर्देश दिया।