ग्राम पंचायत ब्राम्हणी (फोटो नवभारत)
Gondia Brahmani Gram Panchayat News: गोंदिया जिले की ग्राम पंचायत ब्राम्हणी में सरपंच के पति द्वारा पंचायत के कामकाज में खुलेआम हस्तक्षेप करने का आरोप लगा है। ग्राम पंचायत सदस्यों और ग्रामीणों ने दावा किया है कि सरपंच पति खाली कागजों पर हस्ताक्षर करवाकर अपनी मनमर्जी से काम कर रहे हैं, जिससे गांव के विकास कार्य पूरी तरह ठप हो गए हैं। इस मामले में ग्राम पंचायत अधिकारी पर भी मिलीभगत और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया है।
ग्रामीणों का कहना है कि वर्ष 2023 में नई सरपंच के चुने जाने के बाद से ही उनके पति और ग्राम पंचायत अधिकारी मनमाना रवैया अपना रहे हैं। जब भी कोई सदस्य मासिक सभाओं में सवाल उठाता है, तो उसे टालमटोल कर जवाब दिया जाता है। सदस्यों के मुताबिक, 14वें और 15वें वित्त आयोग से मिली विकास राशि को कहां और कैसे खर्च किया गया, इसकी कोई जानकारी नहीं दी जा रही है।
ग्राम विकास मंत्रालय के नियमों के अनुसार, किसी महिला सरपंच के पति को मासिक सभा में बैठने का कोई अधिकार नहीं है, लेकिन बाम्हणी में इन नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। ग्राम पंचायत सदस्य शिवकुमार बल्लारे, मंगरू नागपुरे, गणेश नागपुरे और अन्य ने आरोप लगाया कि सिर्फ कागजों पर काम दिखाकर फंड का दुरुपयोग किया जा रहा है। गांव में स्ट्रीट लाइट तो लगाई गईं, लेकिन उनमें बल्ब नहीं लगाए गए। कचरा पेटी की सफाई नहीं होती और सड़कों पर बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं। दिव्यांग लाभार्थियों को मिलने वाली निधि का वितरण भी नहीं किया गया है।
एक ग्राम पंचायत सदस्य सुभाष दसरिया ने बताया कि उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई थी, जिसके बाद ग्राम पंचायत अधिकारी ने उन्हें जातिसूचक गालियाँ दीं और झूठे आरोप लगाकर एट्रोसिटी का मामला दर्ज कराने की धमकी दी। उन्होंने बताया कि इस संबंध में 10 नवंबर 2023 को सालेकसा थाने में शिकायत भी दर्ज कराई गई थी। इसके बावजूद, अधिकारी द्वारा एक सदस्य पर एट्रोसिटी का मामला दर्ज कराकर अपनी तानाशाही दिखाई जा रही है।
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सदस्यों का आरोप है कि ग्राम पंचायत अधिकारी गोंदिया से आते-जाते हैं, जिससे ग्राम सभाओं का नियमित आयोजन नहीं होता। इसके अलावा, मासिक, विशेष और महिला ग्राम सभाएं भी आयोजित नहीं की जा रही हैं। सदस्यों का कहना है कि उन्होंने गुट विकास अधिकारी, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिलाधीश और पुलिस प्रशासन को भी इस मामले की जानकारी दी है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इस अनदेखी ने ग्रामीणों और सदस्यों की निराशा को और बढ़ा दिया है, और वे उम्मीद कर रहे हैं कि जल्द ही इस मामले में निष्पक्ष जांच होगी और दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।