अब तक तय नहीं हुआ धान खरीदी लक्ष्य (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Gadchiroli Government Paddy Procurement 2025: इस साल नवंबर खत्म होने वाला है, लेकिन सरकारी धान की खरीद शुरू नहीं हुई है। पहले पंजीकरण में दिक्कत थी, अब जिला मार्केटिंग फेडरेशन को खरीफ में कितने क्विंटल धान खरीदना है, इसका लक्ष्य भी अभी तक नहीं मिला है। इसलिए सवाल उठ रहा है कि बिना लक्ष्य के धान की खरीदी कैसे शुरू होगी। किसानों को समर्थन कीमत से कम कीमत न मिले, इसके लिए सरकार जिला मार्केटिंग फेडरेशन और आदिवासी विकास महामंडल के तहत आने वाले सरकारी धान खरीदी केंद्र से धान खरीदती है। हर साल दिवाली से पहले सरकारी धान की खरीदी शुरू हो जाती है। लेकिन इस साल नवंबर खत्म होने वाला है, लेकिन सरकारी धान की खरीदी शुरू नहीं हुई है।
इस वजह से किसानों को निजी व्यापारियों को कम रेट पर धान बेचना पड़ रहा है। सरकार ने जिला मार्केटिंग फेडरेशन को खरीफ के लिए 154 धान खरीदी केंद्र मंजूर किए हैं। इन धान खरीद केंद्रों पर 2,369 रु। प्रति क्विंटल की समर्थन मूल्य पर धान खरीदा जाएगा। सरकारी धान खरीदी केंद्र पर धान बेचने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण जरूरी कर दिया गया है। पंजीकरण 15 नवंबर से शुरू हुआ है और अब तक 20,453 किसानों ने पंजीकरण कराया है। हालांकि पंजीकरण की डेडलाइन 30 नवंबर तक है, लेकिन पंजीकरण की तारीख और बढ़ने की संभावना है क्योंकि 80 परसेंट किसानों ने अभी तक पंजीकरण नहीं कराया है। सरकार की लेट-लतीफी वाली पॉलिसी की वजह से इस साल धान खरीद केंद्र खुलने में देरी हो रही है, जिसका असर किसानों पर पड़ रहा है।
खरीफ सीजन में जिले में 1 लाख 26 हजार हेक्टेयर में धान की खेती हुई थी। प्रति हेक्टेयर धान की औसत पैदावार का हिसाब लगाने के लिए कृषि विभाग फसल कटाई के प्रयोग करता है। इसके बाद हेक्टेयर उत्पादन का हिसाब लगाकर सरकार को रिपोर्ट दी जाती है। जिला कृषि विभाग का अनुमान है कि इस साल खरीफ में प्रति हेक्टेयर 37 क्विंटल धान की पैदावार होगी। लेकिन सरकार ने अभी तक जिला मार्केटिंग फेडरेशन को धान खरीद के लक्ष्य की जानकारी नहीं दी है। इस वजह से सरकारी धान खरीद शुरू होने में देरी हो रही है।
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जिले में सरकार की एजेंसी के तौर पर जिला मार्केटिंग फेडरेशन और आदिवासी विकास महामंडल सरकारी धान खरीदी केंद्र से धान खरीदते हैं। लेकिन आदिवासी विकास महामंडल के सरकारी धान खरीदी केंद्र पर धान बेचने के लिए पंजीकरण अभी तक शुरू नहीं हुआ है, इसलिए किसान पूछ रहे हैं कि यह पंजीकरण कब शुरू होगा।