पशु तस्करी का बड़ा रैकेट सक्रिय (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Gondia News: गोंदिया जिले में एक बार फिर पशु तस्करी का बड़ा रैकेट सक्रिय हो गया है। इस पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए जिला गौरक्षा प्रमुख बालाराम व्यास ने कहा कि यह गतिविधि कानून व्यवस्था और धार्मिक भावनाओं के साथ-साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए भी खतरा है। भारत कृषि प्रधान देश है और गोंदिया जिला मुख्य रूप से कृषि और पशुपालन पर निर्भर है। महाराष्ट्र में गौमाता को “राज्य माता” का दर्जा प्राप्त है, बावजूद इसके जिले में पशुओं की अवैध तस्करी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
व्यास ने बताया कि एक बड़ा गिरोह सक्रिय है जो किसानों से कम कीमत पर मवेशी खरीदकर उन्हें नागपुर और हैदराबाद जैसे शहरों में बूचड़खानों तक पहुंचा रहा है। सरकार द्वारा गौवंश वध पर प्रतिबंध और सख्त सजा का प्रावधान होने के बावजूद, कानून का प्रभावी पालन नहीं हो रहा है, जिससे तस्करों के हौसले बुलंद हैं।
जानकारी के अनुसार, मवेशियों को ग्रामीण इलाकों से गुप्त मार्गों के जरिए ट्रकों में लादकर भेजा जा रहा है। कई बार मवेशियों को बाजार से खरीदने के बाद 20 से 25 किलोमीटर पैदल चलवाकर ट्रकों तक पहुंचाया जाता है।
चंगेरा का मवेशी बाजार इस तस्करी का प्रमुख केंद्र बताया गया है, जहां हजारों की संख्या में मवेशी खरीदे-बेचे जाते हैं। गोंदिया जिले के गोरेगांव, आमगांव, सालेकसा, देवरी और सड़क अर्जुनी तहसीलों में भी तस्करों की गतिविधियाँ लगातार देखी जा रही हैं।
जिला गौरक्षा प्रमुख बालाराम व्यास ने प्रशासन पर निष्क्रियता का आरोप लगाते हुए कहा, कि “प्रशासन को सब मालूम है, फिर भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है। गांव स्तर पर गौतस्करी रोकने के लिए जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों और युवाओं की एक विशेष समिति बनाई जानी चाहिए।”
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व्यास ने आगे कहा कि बजरंग दल के कार्यकर्ता अपनी जान जोखिम में डालकर गौमाता की रक्षा करते हैं और भविष्य में भी ऐसा करते रहेंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जिले में गौवंश वध और पशु तस्करी नहीं रुकी, तो विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल पूरे गोंदिया जिले में आंदोलन करेंगे। संगठन ने मांग की है कि गौमाता को “राष्ट्र माता” का दर्जा प्रदान किया जाए।