गोंदिया नगर परिषद (सोर्स: सोशल मीडिया)
Maharashtra Nikay Chunav: गोंदिया, तिरोड़ा नप व सालेकसा, गोरेगांव नपं चुनाव की घोषणा किए जाने के बाद से गली मोहल्ले में चुनाव को लेकर चौपालों पर चर्चा भी शुरू हो गई है। त्यौहारों की श्रृंखला में सबसे बड़ा त्यौहार दीपावली माना जाता है।
दीपावली को मनाने की तैयारियां तो शुरू है। साथ ही राजनीति के सबसे बड़े पर्व मतदान को लेकर भी उत्सुकता अपने पूरे चरम पर है। भावी नगराध्यक्ष व पार्षद कौन होगा, इसे लेकर चौपालों में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है।
दिन भर खेतों के काम निपटाने के बाद लोग चुनाव पर चर्चा करना शुरू कर रहे हैं। चुनाव आते ही राजनीतिक माहौल अपने आप असर दिखाने लगता है। अब तक मिल-जुलकर रहने वाले राजनीतिक दलों के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं में विभाजन हो जाता है। टिकट पाने के लिए इच्छुक नेताओं के दरवाजे पर दिखाई दे रहे हैं।
गोंदिया जिले में गोंदिया व तिरोड़ा नगर परिषद तथा गोरेगांव, सालेकसा नगर पंचायत के लिए चुनाव होने जा रहे हैं। नगराध्यक्ष पदों के साथ ही प्रभागवार नगर सेवक पदों का आरक्षण घोषित होने के बाद राजनीतिक सरगर्मियां अब तेज हो गई है व सभी दलों से इच्छुक उम्मीदवारों ने टिकट के लिए पार्टी के अंदर पूरा दमखम लगाने के साथ ही मतदाताओं से संपर्क भी शुरू कर दिया है।
सभी दलों में इच्छुक उम्मीदवारों की संख्या बड़ी है। ऐसे में सभी को संतुष्ट कर पाना किसी भी दल के लिए संभव नहीं होगा। इस स्थिति को देखते हुए आगामी चुनाव में महायुति अथवा महाविकास आघाड़ी के घटक दलों का एक साथ चुनाव में उतरने की संभावना कम ही नजर आ रही है। फिलहाल सभी दल चुनाव की तैयारियों में जुटे हुए हैं।
गोंदिया नगर परिषद में नगराध्यक्ष पद का आरक्षण ओबीसी प्रवर्ग के लिए होने के कारण जनरल कैटिगिरी के अनेक इच्छुक उम्मीदवारों की आशाओं पर पानी फिर गया है और राजनीतिक समीकरण बदल गए है। इस पद के लिए प्रबल दावेदार माने जाने वाले अनेक चेहरे अब आरक्षण के चलते दावेदारी से दूर हो गए है।
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राजनीतिक दलों ने अब आरक्षण के अनुसार नगराध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवारों का चयन शुरू कर दिया है। अब मतदाताओं में कौनसा चेहरा प्रभावी सिद्ध होगा इसकी पड़ताल की जा रही है।
बैठकों में मुख्य रूप से विकास कार्यों को प्राथमिकता दी जा रही है। इसमें पेयजल योजना, गुणवत्तापूर्ण व चौड़ी सड़कें, किसानों के लिए पगडंडी सड़कें, नदियों पर पुल, श्मशान भूमि, गटर योजना, पर्यटन स्थलों का विकास समेत शिक्षित बेरोजगारों व महिलाओं को काम देने वाली विभिन्न योजनाओं व परियोजनाओं पर चर्चा कर मतदाताओं को आकर्षित करने का प्रयास किया जा रहा है। इसके अलावा भावनात्मक मुद्दों से भी मतदाताओं को बरगलाया जा रहा है।
नप, नपं चुनाव के लिए कुछ राजनीतिक दल ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा की है तथा कुछ ने अभी तक घोषणा नहीं की है। ऐसे में उम्मीदवारों की उम्मीदें अभी भी कायम हैं। चुनाव से पहले जनसंपर्क को बढ़ावा देने के लिए जहां वे छोटे-बड़े कार्यक्रमों में हिस्सा ले रहे हैं, वहीं कार्यक्रम आयोजक भी इस मौके का फायदा उठाते नजर आ रहे हैं।