स्कूल की छत गिरी (फोटो नवभारत)
Masulkasa ZP School Slab Collapse: गोंदिया के देवरी तहसील के मासुलकसा जिला परिषद स्कूल के स्लैब के टुकड़े अचानक गिर पड़े। यह घटना शनिवार 27 सितंबर की सुबह करीब 9 बजे घटित हुई। गनीमत रही कि इस घटना में किसी की जान नहीं गई। लेकिन, छात्रों की सुरक्षा का मुद्दा फिर से चर्चा में है। अभिभावकों का कहना है कि जिप स्कूलों की बदहाली के बावजूद सरकार और प्रशासन उनकी जान से खिलवाड़ कर रहा है।
छात्रों को स्कूल प्रांगण में लगे टिन के शेड में पढ़ाई करनी पड़ती है। स्थानीय जनप्रतिनिधि इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। इस संबंध में ग्रामीणों और स्कूल समिति ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से नई इमारत की मांग बार-बार की है। इमारत से पानी टपक रहा है।
पिछले कुछ दिनों से इमारत का जर्जर हिस्सा गिर रहा है। कोई विकल्प न होने के कारण छात्रों को इसी स्कूल में ज्ञान अर्जित करना पड़ रहा था। साथ ही, शिक्षकों को भी छात्रों के साथ अपनी जान जोखिम में डालकर शिक्षा प्रदान करने का काम करना पड़ रहा था। स्लैब के टुकड़े गिरने के दौरान छात्र कक्षा में उपस्थित नहीं थे। गनीमत रही कि एक बड़ा हादसा टल गया।
प्रधानाध्यापक ने इस घटना की सूचना पंचायत समिति के वरिष्ठ अधिकारियों को दे दी है। स्कूल इमारत जर्जर है और इसकी मरम्मत करवाई जानी चाहिए। स्कूल व्यवस्थापन समिति और शिक्षकों ने जिप, शिक्षा विभाग और स्थानीय जनप्रतिनिधियों से इस संबंध में कई बार अनुरोध किया था। अभी तक कोई ध्यान न दिए जाने से इस स्थान पर किसी बड़े हादसे की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। क्या अब प्रशासन और जनप्रतिनिधि इस ओर ध्यान देंगे?
सरकार आदिवासी और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में कई सुविधाएं प्रदान करने के लिए बहुत पैसा खर्च करती है। लेकिन, प्रशासनिक उदासीनता और अवसरवादी राजनेताओं के कारण यह क्षेत्र आज भी विकास से वंचित है। मासुलकसा जिला परिषद स्कूल में कक्षा 1 से 4 तक की पढ़ाई होती है और विद्यार्थियों की संख्या 40 है। स्कूल में दो शिक्षक नियुक्त हैं जो शिक्षा प्रदान करने का कार्य कर रहे हैं।
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ग्रामीणों और स्कूल प्रबंधन समिति ने इस संबंध में स्थानीय जनप्रतिनिधियों और शिक्षा विभाग को कई बार सूचित किया है। लेकिन उपेक्षा के कारण विद्यार्थियों का जीवन खतरे में पड़ गया है। जिससे अभिभावकों में गहरा रोष व्याप्त है।
शेरपार के सरपंच गुणवंत कवास मासुलकसा स्कूल के नए इमारत के लिए स्थानीय जिप सदस्यों द्वारा संबंधित विभागों को ज्ञापन दिए जाने के बावजूद, इस मामले की अनदेखी की जा रही है। आज विद्यार्थी स्कूल प्रांगण में लगे टिन के शेड में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। संबंधित विभागों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों को इस ओर ध्यान देने की सख्त आवश्यकता है।