सिम कार्ड (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Agriculture Assistant Strike: किसानों की समस्याओं को हल करने और उनके लिए कृषि अधिकारियों से संपर्क करना आसान बनाने के लिए, जिले में कृषि विभाग के लगभग 198 अधिकारियों और कर्मचारियों को महावितरण की तर्ज पर मोबाइल सिम कार्ड दिए गए हैं। लेकिन, ये सिम कार्ड अभी तक एक्टिवेट नहीं हुए हैं, इसलिए किसानों को पुराने नंबरों पर अधिकारियों को कॉल करना पड़ रहा है।
इसमें कई लोगों के मोबाइल फोन पर हमेशा की तरह नॉट रीचेबल आवाज सुनाई दे रही है। जिले में लाखों किसान हैं। हर साल खरीफ सीजन में 1 लाख 26 हेक्टेयर और रबी सीजन में 40 हजार हेक्टेयर में बुआई की जाती है। धान मुख्य फसल है, और अरहर, मूंग, उड़द, सरसों, मक्का आदि फसलें उगाई जाती हैं।
फसलों और योजनाओं से जुड़ी जानकारी के लिए कृषि विभाग के अधिकारियों से संपर्क करना पड़ता है। लेकिन, कुछ अधिकारी और कर्मचारी अपने पर्सनल मोबाइल नंबरों पर किसानों से आने वाले कॉल नहीं उठाते हैं। इसमें किसानों को बेवजह परेशानी उठानी पड़ती है।
इसलिए, महावितरण की तर्ज पर कृषि विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को सिम कार्ड दिए गए हैं। जिले में करीब 198 अधिकारियों और कर्मचारियों को सिम कार्ड दिए गए हैं। लेकिन, ये सिम कार्ड अभी तक एक्टिवेट नहीं हुए हैं। सिम कार्ड कब एक्टिवेट होंगे, इस ओर ध्यान लगा हुआ है।
यह भी पढ़ें – ई-केवाईसी नहीं तो मुआवजा नहीं! 15,330 किसानों के ₹13.31 करोड़ अटके, प्रशासन ने दी चेतावनी
कृषि आयुक्तालय ने जिले में 198 अधिकारियों को मोबाइल सिम कार्ड बांटे हैं। इसमें जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी, कृषि उपसंचालक, तहसील कृषि अधिकारी, तकनिकी अधिकारी, मंडल कृषि अधिकारी, कृषि सहायक आदि शामिल हैं। किसानों को खेती की समस्याओं, फसल की योजना, मौसम की जानकारी, बीज और खाद की उपलब्धता के साथ-साथ सरकारी योजनाओं की जानकारी लेने के लिए समय-समय पर कृषि अधिकारियों की जरूरत होती है।
जिले में 134 कृषि सहायकों ने अभी तक सिम कार्ड नहीं लिए हैं। दूसरे अधिकारियों ने सिम ले लिए हैं और कुछ एक्टिव हो गए हैं। कृषि सहायक अभी भी अपनी भूमिका पर अड़े हुए हैं। यह समस्या सिर्फ जिले तक ही सीमित नहीं है, बल्कि पूरे राज्य में है। जब तक उनकी अलग-अलग समस्याओं का समाधान नहीं हो जाता, वे सिम कार्ड स्वीकार नहीं करेंगे।
– नीलेश कानवड़े, जिला कृषि अधीक्षक, गोंदिया