सज रही दुर्गा मूर्तियां (सौजन्य-नवभारत)
Gondia News: शहर के मूर्तिकार अस्थायी रूप से विभिन्न क्षेत्रों में मंडप डालकर मूर्तियों को आकार दे रहे हैं। मूर्तिकार के अनुसार बढ़ती महंगाई के कारण मिट्टी, तनस, पेंट आदि के दाम बढ़ गए हैं जिसके चलते मूर्तियों के दाम में भी वृद्धि की गई है।
नवरात्रि उत्सव 22 सितंबर से शुरू हो रहा हैं। इन्हें शारदीय नवरात्रि के नाम से जाना जाता है। इन नौ दिनों में मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा की जाती है। मान्यता है कि ये 9 दिन माता धरती पर भक्तों के बीच होती हैं। इसलिए सच्ची श्रद्धा के साथ 9 दिन तक मां दुर्गा की पूजा-उपासना करने वालों से मां प्रसन्न होती हैं और उन्हें मुंह मांगा फल प्रदान करती हैं।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हिंदू धर्म में शारदीय नवरात्रि का विशेष महत्व है। 22 अगस्त से शुरू होकर 2 अक्टूबर तक नवरात्रि पर्व मनाया जाएगा और 2 अक्टूबर विजयादशमी के दिन दुर्गा विसर्जन से इसका समापन होगा। इस नवरात्रि में पहले दिन घटस्थापना के साथ-साथ अखंड ज्योति भी जलाई जाती है।
अखंड ज्योति का मतलब है जो खंडित न हो या फिर बिना रुके जलना। नवरात्रि में बहुत से लोग घर में मां दुर्गा के आगे 9 दिन तक अखंड ज्योति जलाते हैं। ऐसे में लोगों को सात्विकता का पालन करना चाहिए। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अखंड ज्योति अखंड आस्था का प्रतीक होती है। ऐसे में मां के सामने शुद्ध घी का एक छोटा और एक बड़ा दीपक जलाना चाहिए। अगर अखंड ज्योति में घी डालते समय या सही करते समय ज्योति बुझ जाती है तो उसे छोटे दीपक की ज्योति से पुनः जलाया जा सकता है।
ऐसी मान्यता है कि दीपक या अग्नि के सामने किए मंत्र जाप का फल कई हजार गुना ज्यादा मिलता है। बताया गया कि घी का दीपक देवी जी के दाहिनी ओर और तेल वाला देवी के बाई ओर रखा जाता है। अखंड ज्योति को ऐसे स्थान पर रखें, जहां ज्योति का हवा कम लगे।
हिंदू धर्म में धार्मिक अनुष्ठान और विशेष अवसरों पर कलश स्थापना को बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है। शास्त्रों और पुराणों में कलश या घट स्थापना को सुख-समृद्धि, वैभव, ऐश्वर्य और मंगल कामनाओं का प्रतीक माना गया है। मान्यता है कि कलश में सभी ग्रह, नक्षत्रों और तीर्थों का निवास होता है।
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इनके अलावा कलश में भगवान ब्रह्मा, विष्णु, शिव सहित सभी नदियों, धार्मिक स्थानों और तेतीस कोटि देवी-देवता कलश में विराजते हैं। नवरात्रि पर कलश स्थापना करने का विशेष महत्व होता है। नवरात्रि के पहले दिन यानि प्रतिपदा तिथि पर कलश स्थापना के साथ देवी का आह्वान करते हुए 9 दिनों की पूजा शुरू हो जाती है। कलश स्थापना से घर में फैली सभी तरह की नकारात्मक ऊर्जा खत्म हो जाती है।