सहयोग समूह द्वारा आयोजित DDS कार्यशाला
Gondia News: छोटे दुकानदारों और खुदरा व्यवसायियों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने तथा उन्हें संगठित अर्थव्यवस्था से जोड़ने के उद्देश्य से सहयोग समूह द्वारा चोकरधानी-नागपुर में दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला “संगठित अर्थव्यवस्था की ओर एक द्वार व खुदरा व्यवसाय को सशक्त बनाना” का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य छोटे दुकानदारों और खुदरा व्यवसायियों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने तथा उन्हें संगठित अर्थव्यवस्था से जोडना तथा उत्पाद की गहराई से जानकारी देना, बिक्री कौशल को निखारना और संगठन की नीतियों से उन्हें बेहतर ढंग से जोड़ना था।
उद्घाटन सहयोग समूह के चेयरमैन व मैनेजिंग डायरेक्टर जयेश रमादे के हस्ते हुआ। इस अवसर पर सीईओ विलास वासनिक, सीओओ नरेश लुलानी, सीएचआरओ निखिल मल्लाह, अमित रमन (बिज़नेस हेड) और जितेंद्र पचलोंगिया के नेतृत्व वाली लर्निंग एंड डेवलपमेंट टीम सहित सहयोग समूह की पूरी नेतृत्व टीम की उपस्थित थी। इन वरिष्ठ नेताओं ने छोटे व्यवसायियों को संगठित आर्थिक ढांचे से जोड़ने की आवश्यकता पर बल दिया।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम ने लगभग 700 बीडीई, टीम लीडरों (TL), बिक्री प्रबंधकों (SM) और शाखा प्रबंधकों (BM) को व्यावहारिक उपकरणों और रणनीतिक अंतर्दृष्टि से सफलतापूर्वक सुसज्जित किया। ये प्रशिक्षित पेशेवर अब बदलाव के उत्प्रेरक बनने के लिए तैयार हैं। छोटे दुकानदारों और स्थानीय उद्यमियों को अपने व्यवसायों को सही दिशा में ले जाने, स्थायी प्रथाओं को अपनाने और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने में सहायता प्रदान कर रहे हैं। सशक्तिकरण का यह व्यापक प्रभाव समावेशी आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और विभिन्न क्षेत्रों में सामुदायिक लचीलेपन को मजबूत करने के लिए डिजाइन किया गया है।
प्रशिक्षण सत्रों में जयेश रमादे, नरेश लुलानी, निखिल मल्लाह, अमित रमन, मंगेश कठाने, निशांत शेलारे व प्रफुल मिश्रा ने अपने अनुभव साझा किए। इन व्याख्यानों ने प्रतिभागियों को DDS उत्पाद की रणनीतिक समझ, बिक्री तकनीकों और संगठनात्मक दृष्टिकोण से जोड़ने में मदद की। कार्यशाला की विशेषता रही गतिविधि आधारित प्रशिक्षण, जिसे जितेंद्र पचलोंगिया व विलास कार्लेकर (L&D टीम) ने संचालित किया। इस सत्र ने प्रतिभागियों को व्यावहारिक अनुभव प्रदान किया और टीम वर्क व समस्या समाधान की क्षमता को बढ़ावा दिया।
समावेशी वित्तीय विकास और उद्यमशीलता सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के सहयोग के मिशन के अनुरूप, यह संगठन जमीनी स्तर के उद्यमियों को आगे बढ़ाने वाली परिवर्तनकारी पहलों को बढ़ावा देता रहता है। इस प्रयास के केंद्र में सहयोग की डीडीएस (दैनिक जमा योजना) है। एक शक्तिशाली वित्तीय साधन जिसे अनुशासित बचत को बढ़ावा देने, ऋण-योग्यता बढ़ाने और व्यवसाय विस्तार के लिए सुलभ पूंजी प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है। डीडीएस एक उत्पाद से कहीं अधिक है, यह स्थायी समृद्धि का मार्ग है, जो पूरे भारत में छोटे दुकानदारों और स्थानीय व्यवसाय मालिकों को आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने और अपने उद्यमों को उद्देश्यपूर्ण ढंग से आगे बढ़ाने में सक्षम बनाता है।
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कार्यक्रम का समापन विलास कार्लेकर द्वारा प्रस्तुत धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिसमें उन्होंने सभी वक्ताओं, प्रतिभागियों और आयोजकों का आभार व्यक्त किया। यह कार्यशाला सहयोग समूह की उस प्रतिबद्धता का प्रतीक है, जिसके तहत वह छोटे दुकानदारों और व्यवसायियों को ज्ञान, संसाधन और मार्गदर्शन प्रदान कर उन्हें आत्मनिर्भर व संगठित आर्थिक प्रणाली का हिस्सा बनाना चाहता है।कार्यक्रम ने यह संदेश स्पष्ट रूप से दिया कि “हम मिलकर कर सकते हैं” और यही सहयोग की असली शक्ति है।