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खुली मिठाइयों की ‘बेस्ट बिफोर’ गायब, त्योहारों में मिठाइयों की मांग बढ़ी, लेकिन सुरक्षा पर लापरवाही

Best Before: बाजार में पैकेट बंद मिठाइयों पर तो एक्सपायरी डेट लिखी होती है, लेकिन खुली मिठाइयों के बारे में पता नहीं चलता कि वह कितनी पुरानी है। लोग दुकान जाते हैं, कीमत पूछते हैं और खरीद लेते हैं।

  • By आंचल लोखंडे
Updated On: Sep 09, 2025 | 06:05 PM

खुली मिठाइयों की 'बेस्ट बिफोर' गायब (सौजन्यः सोशल मीडिया)

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Gondia News: मिठाइयां हम सभी बड़े ही चाव के साथ खाते हैं। त्यौहार हो या ना हो बस खाने का बहाना चाहिए। इनका स्वाद ही इतना लाजवाब होता है कि त्यौहारों का इंतजार भला कौन करें। बाजार में पैकेट बंद मिठाइयों पर तो एक्सपायरी डेट लिखी होती है, लेकिन खुली मिठाइयों के बारे में पता नहीं चलता कि वह कितनी पुरानी है। लोग दुकान जाते हैं, कीमत पूछते हैं और खरीद लेते हैं।होटलों और दुकानों में मिठाइयों के प्रति किलो दाम तो अक्षरों में लिखे होते हैं लेकिन अनेक दुकानों में एक्सपायरी डेट का जिक्र नहीं होता, जबकि वह ग्राहकों के स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत जरूरी है।

खास बात यह है कि मिठाइयों की ‘बेस्ट बिफोर’ सूचना न लिखे जाने पर भी ऐसे दुकानों के प्रति संबंधित प्रशासन आंखें बंद किए बैठा है। कई जगह मिठाइयों में घी की जगह डालडा उपयोग में लाया जाता है और उसे घी से बनी बताकर ज्यादा दामों पर बेचा जाता है। दूध से बनी मिठाइयों का भी यही हाल है।

खाद्य सामग्रियों की एक्सपायरी डेट

ग्राहक के पास गुणवत्ता परखने का कोई विकल्प नहीं होता, इसलिए केवल विश्वास के दम पर सौदा होता है। नियमानुसार और दुकानों पर बिकने वाली खाद्य सामग्रियों की एक्सपायरी डेट का हाल है। ग्राहक के पास गुणवत्ता परखने का कोई विकल्प नहीं होता, इसलिए केवल विश्वास के दम पर सौदा होता है। नियमानुसार और दुकानों पर बिकने वाली खाद्य सामग्रियों की एक्सपायरी डेट का जिक्र होना जरूरी है ताकि मिठाई कब बनी है और खाने लायक है या नहीं ? यह पता चले सके। जबकि मिठाइयों के शेल्फ या ट्रे के पास ‘बेस्ट बिफोर’ की पर्ची नजर नहीं आती।

ये भी पढ़े: 8 महीने में 235 दुर्घटनाएं, 121 की मौतें, यातायात नियमों का पालन कर दुर्घटनाओं से बचने की अपील

1 से 7 दिन तक लाइफ

जानकारों की मानें तो दूध से बने कुछ मिठाईयां मात्र एक दिन तक ही खाने लायक होती है। बादाम दूध, रसगुल्ला, रस मलाई, रबड़ी रस मलाई, शाही टोस्ट, राजभोग, चम-चम, मलाई रोल, बंगाली रबड़ी, हरिभोग आदि का उपयोग दो दिनों तक किया जा सकता है। इसके अलावा मिल्क केक, मिल्क बर्फी, पिस्ता बर्फी, कोकोनट बर्फी, चॉकलेट बर्फी, सफेद

अन्न -व औषधि प्रशासन विभाग

पेड़ा, बूंदी लड्डू, मोतीचूर मोदक, खोया बादाम, फ्रूट केके, खोया फ्रूट केक, मलाई – घेवर, मेवा लड्डू, शाही घेवर, केसर बादाम रोल, खोया कोकोनट बर्फी का उपयोग ज्यादा से ज्यादा चार दिनों तक ही उचित है। काजू कतली, काजू केसर कतली, ड्रायफूट के लड्डू का उपयोग अधिकतम सात दिनों तक किया जा सकता है, वह भी उचित तापमान में रखने पर। इस ओर अन्न -व औषधि प्रशासन विभाग से गंभीरता से – ध्यान देने की मांग की गई है।

Best before list of open sweets missing

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Published On: Sep 09, 2025 | 06:05 PM

Topics:  

  • festival season
  • Gondia News
  • Sweet Dish

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