10 से भी कम छात्रों वाले 42 स्कूल, निकट की शालाओं में होगा समायोजन (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Gondia Distict: सरकार ने पांच साल पहले कम नामांकन वाले 185 स्कूलों को बंद करने का संकेत दिया था। यह जिला आदिवासी और नक्सल प्रभावित है और यहां कई स्कूल दूरदराज के इलाकों में स्थित हैं। इन दूरदराज के इलाकों के स्कूल नामांकन की कमी के कारण बंद होने के कगार पर थे। इन स्कूलों के बंद होने का डर छात्रों के साथ-साथ अभिभावकों और शिक्षकों को भी सता रहा था।
हालांकि, अब ये स्कूल बंद नहीं होंगे। जिप सीईओ मुरुगानंथम ने 12 अप्रैल को एक पत्र जारी कर इन स्कूलों को नजदीकी स्कूलों में समायोजित करने का निर्देश दिया है। जिले में 10 से भी कम छात्रों वाले 42 स्कूल हैं। हालांकि सरकार कम पटसंख्या वाले लगभग दो-तीन स्कूलों को मिलाकर एक समूह स्कूल चलाने की योजना बना रही है, लेकिन जिले में केवल एक समूह स्कूल का प्रस्ताव सरकार को सौंपा गया है।
जिले में स्वीकृत स्नातक शिक्षकों के 943 पदों में से 773 पद भरे जा चुके हैं, जबकि 180 रिक्त हैं। इसके अलावा, 13 स्नातक शिक्षक अतिरक्त हैं। जिले के 210 स्कूलों में कोई भी महिला शिक्षक कार्यरत नहीं है।
जिला परिषद के स्कूल निजी स्कूलों से पीछे न रहें, इसके लिए कई पहल की जा रही हैं। लेकिन पिछले तीन-चार सालों से जिला परिषद के स्कूलों में शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने की उपेक्षा की जा रही है। जिले के 97 स्कूलों में से प्रत्येक में केवल एक शिक्षक कार्यरत है, और उन पर चार कक्षाओं का भार है।
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गोंदिया के प्राथमिक शिक्षाधिकारी सुधीर महामुनि ने कहा कि जिले के 42 स्कूलों में 10 से कम छात्र संख्या है, फिर भी जिले का कोई भी स्कूल बंद नहीं किया जाएगा ताकि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे। हम बच्चों को बुनियादी शिक्षा का अधिकार दिलाने के लिए तत्पर हैं। कम छात्र संख्या वाले स्कूलों के बच्चों को नजदीकी स्कूल में समायोजित किया जाएगा।