जमीन किराए पर देने का निर्णय वापस लें (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Gadchiroli News: महाराष्ट्र सरकार आदिवासियों की जमीन गैर आदिवासियों को किराए पर देने के लिए स्वतंत्र कानून बनाने की तैयारी में होने की बात राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने 19 सिंतबर को गड़चिरोली में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में दी। इस निर्णय के खिलाफ आदिवासी समुदाय में तीव्र नाराजगी होकर समाज बंधुओं द्वारा निर्णय का तीव्र निषेध किया गया है। आदिवासी समाज का कहना है कि यह निर्णय अन्यायकारक, असंवैधानिक और आदिवासी समाज के बुनियादी अधिकारों का हनन करने वाला है।
आदिवासियों की जमीन केवल वित्तीय साधन न होकर आदिवासियों के सांस्कृतिक, सामाजिक अस्मिता व जीवनावश्यक साधन का प्रमुख आधार है। जमीन गैर आदिवासियों को किराए तत्व पर प्रवेश देने पर अन्नसुरक्षा, पारंपरिक जीवनशैली और स्थानीय अधिकार खतरे में आने की बात कही गई। जिससे आदिवासी समाज ने उक्त निर्णय तत्काल वापस लेने की मांग सरकार से की है। इस मांग को लेकर आदिवासी समुदाय के लोगों ने एटापल्ली के उपविभागीय अधिकारी कार्यालय पर दस्तक देकर एसडीएम के माध्यम से राज्य सरकार को ज्ञापन भिजवाया है।
आदिवासी समुदाय के लोग पिछले अनेक वर्षों से अपनी मालिकाना जमीन पर पारंपारिक तरीके से खेती कर जीवनयापन कर रहे है। उनकी जमीन उनके जीवनयापन का माध्यम है। ऐसे में सरकार ने आदिवासियों की जमीन गैर आदिवासियों को किराए पर देने का निर्णय लेने से आदिवासी समाज पर अन्याय होगा। और यह अन्याय समुदाय कदापि बर्दाश्त नहीं करेगा, जिससे सरकार तत्काल अपना निर्णय वापस लें, अन्यथा समाज बंधुओं द्वारा विशाल आंदोलन किया जाएगा, ऐसी चेतावनी भी ज्ञापन में दी गई है।
आदिवासियों की जमीन गैर आदिवासियों को किराए तत्पर देने का निर्णय तत्काल वापस लेने, आदिवासियों के जमीन का संरक्षण और अधिकारियों की गारंटी देने वाला कानून बनाने, आदिवासी समाज संबंधित कोई भी निर्णय लेने से पहले समाज का सक्रिय सहभाग और सल्लामसलत करने की मांग की है।
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उपविभागीय अधिकारी को ज्ञापन सौंपते समय आदिवासी गोटुल समिति के अध्यक्ष अक्षय पुंगाटी, आदिवासी युवा समिति के अध्यक्ष शुभम रापंजी, कृष्णार के पेसा अध्यक्ष किशोर कांदो, चमरू हिचामी, ऋषि तेलामी, सामजी हिचामी, नपं अध्यक्ष दीपयंती पेंदाम, पार्षद निजान पेंदाम, किसन हिचामी, जिलापुर्ती सभापति नामदेव हिचामी, राहुल कुलमेथे, उमेश पोरतेट, अजय सडमेक, उज्वल मडावी, शुभम दुर्वा, अंकुश कोरमी, निखिल कोरमी, भूपेश हेडो, गुरुदास सडमेक, सागर कुलयेटी, संतोष हिचामी, सचिन गोटा आदि समेत आदिवासी बंधु बड़ी संख्या में उपस्थित थे।