आलापल्ली व पेरमिली वन परिक्षेत्र में फर्जी मजदूरों के नाम दाखिल,
Gadchiroli News: आलापल्ली वन विभाग के आलापल्ली व पेरमिली वन परिक्षेत्र में बड़े पैमाने पर फर्जी मजदूरों के नाम दाखिल कर तथा मजदूरों के नकली हस्ताक्षर दिखाकर वाउचर बिल बनाकर सरकार के करोड़ों रुपये की हेराफेरी करने का गंभीर आरोप लगाते हुए मानवाधिकार संगठन के पदाधिकारियों ने वनसंरक्षक कार्यालय के सामने सोमवार 27 अक्टूबर से आंदोलन शुरू किया है।
राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष तथा भाजपा जिला उपाध्यक्ष डा। प्रणय खुने ने कहा कि आलापल्ली व पेरमिली वन परिक्षेत्र के अधिकारियों ने क्षेत्र सहायक, वनरक्षक और वरिष्ठ अधिकारियों की मिलीभगत से बोगस मजदूरों के नाम पर करोड़ों रुपये हड़प किए हैं। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारियों को संरक्षण देने वाले जांच अधिकारी भी अपनी मनमानी कर रहे हैं और फर्जी जांच कर शासन व वरिष्ठ अधिकारियों को गुमराह कर रहे हैं।
ड़ॉ. खुने ने मांग की कि इस पूरे मामले की जांच करने उच्च स्तरीय समिति गठित कर पुलिस विभाग और वरिष्ठ अधिकारियों के माध्यम से की जाए। दोषी अधिकारियों पर आपराधिक मामला दर्ज कर तत्काल निलंबन की कार्रवाई की जाए और भ्रष्टाचार से हड़पी गई राशि की वसूली की जाए। उन्होंने बताया कि आलापल्ली वन विभाग के अंतर्गत वर्ष 2023-24 तथा 2024-25 की जिला वार्षिक योजना, सामान्य आदिवासी उपयोजना, राज्य योजना और मैप अभिसरण के अंतर्गत संयुक्त वन प्रबंधन समितियों द्वारा किए गए कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हुआ है।
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इन कार्यों की गुणवत्ता बेहद निम्न स्तर की है। इसलिए इन सभी योजनाओं की निष्पक्ष जांच शिकायतकर्ता की उपस्थिति में की जाए तथा जांच के दौरान वीडियो रिकॉर्डिंग की व्यवस्था होनी चाहिए। इस आंदोलन में शंकर ढोलगे, मनीषा मडावी, कृष्णा वाघाडे, रवि सेलोटे, विलास भानारकर, योगेश सिडाम, राहुल वासनिक, प्रवीण ठाकरे, आदर्श धुरके, दिलीप मेवगंटीवार और विजय मज्जी सहित अन्य कार्यकर्ता उपस्थित थे।